भारत में जल्द आ रहा है इंटरनेट पर देसी सर्वर, इस्तेमाल होगा ज्यादा सुरक्षित

केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद की पहल पर तैयीर हो रहे नए डीएनएस लोगों की ई-मेल न केवल पहले से ज्यादा सुरक्षित होगी बल्कि उनका डाटा भी बाहर के देश तक नहीं जाएगा।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Fri, 22 Feb 2019 10:27 PM (IST) Updated:Fri, 22 Feb 2019 10:27 PM (IST)
भारत में जल्द आ रहा है इंटरनेट पर देसी सर्वर, इस्तेमाल होगा ज्यादा सुरक्षित
भारत में जल्द आ रहा है इंटरनेट पर देसी सर्वर, इस्तेमाल होगा ज्यादा सुरक्षित

नई दिल्ली, [नितिन प्रधान]। जल्दी ही सरकार इंटरनेट पर देसी सर्वर की सुविधा उपलब्ध कराने जा रही है। यह सुविधा नेशनल इन्फॉरमेटिक्स सेंटर के जरिए मिलेगी जो जल्द ही इसके लिए पब्लिक डोमेन नेम सर्विस के तौर पर नया प्लेटफार्म उपलब्ध कराएगी। इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों के लिए यह मौजूदा सिस्टम से ज्यादा सुरक्षित और भरोसेमंद होगा।

केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद की पहल पर तैयीर हो रहे नए डीएनएस लोगों की ई-मेल न केवल पहले से ज्यादा सुरक्षित होगी बल्कि उनका डाटा भी बाहर के देश तक नहीं जाएगा। इससे गूगल, अमेजन समेत कोई भी कंपनी यह नहीं पता कर पाएगी कि आपने किस वेबसाइट को देखा है या फिर किस ई-प्लेटफॉर्म से क्या खरीदारी की है। अभी वे इस बड़े डाटा को गूगल और अन्य अंतरराष्ट्रीय आईटी कंपनियों की मदद से हासिल कर लेती थी और उसके अनुरूप अपने बिजनेस को विस्तार देती थी। डीएनएस प्रोजेक्ट में इंटरनेट को अनावश्यक या गैर जरूरी वेबसाइट पर जाने से भी रोका जाएगा। इससे इंटरनेट की स्पीड भी बढ़ेगी।

इसके साथ ही प्रसाद ने शुक्रवार को एनआईसी की ओर से एक यूनिफाइड मैसेजिंग सेवा भी शुरू की। इसके तहत देश के 5 करोड़ सरकारी ई-मेल सेवा एनआईसी को पहले से अधिक सुरक्षित और मजबूत बनाया जाएगा। जिससे इसमें किसी भी तरह की सेंधमारी नहीं हो पाएगी। एक अधिकारी ने कहा कि यह सभी कार्य बैकएंड या एनआईसी के सर्वर केंद्रों से होगा। ऐसे में आम इंटरनेट उपयोगकर्ता को इसके लिए कुछ नहीं करना होगा।

अधिकारियों के मुताबिक इस समय आपके गूगल सर्च और अन्य सर्चइंजन पर सर्च के आधार पर या फिर ई-मार्केटपेलेस पर जाने को लेकर आपका पूरा डेटा प्राप्त किया जा सकताा है। कंपनियां यह भी जान जाती हैं कि आप कहां गए हैं, आपने क्या सर्च किया या फिर आपकी पसंद क्या है। इसकी वजह यह होती थी कि आपका समस्त डाटा यहां से विदेश जाता था। वहां पर भारतीय कानून प्रभावी नहीं है और ऐसे में जिस कंपनी के पास आपका डाटा है, यह उस पर निर्भर करता है कि वह आपका डाटा किसे दे। लेकिन डीएनएस प्रोजेक्ट के शुरू होने के बाद यह डाटा भारत में ही रहेगा। ऐसे में आपका डाटा विदेशी हाथों या किसी कंपनी के पास नहीं पहुंच पाएगा।

एक अधिकारी ने कहा कि इसके साथ ही डीएनएस प्रोजेक्ट के कई अन्य लाभ भी है। कई बार किसी वेबसाइट को सर्च करते हुए आप गलती से किसी पोर्न या अन्य साइट पर चले जाते हैं। डीएनएस प्रोजेक्ट के तहत आपको गलत वेबसाइट पर जाने से रोका जाएगा। देश में करोड़ों लोग हर पल गलत साइट पर चले जाते हैं। जब यह योजना प्रभावी हो जाएगी तो इससे इंटरनेट की स्पीड भी बढ़ जाएगी क्योंकि हजारों-करोड़ों लोग गलत साइट पर जाने से बचेंगे। जिससे इंटरनेट की स्पीड बढ़ जाएगी। इस अधिकारी ने कहा कि इसी तरह सरकारी ईमेल सेवा एनआईसी के लिए दोहरे पासवर्ड, विदेश जाने पर वहां उपस्थित होने की सूचना देने जैसे महत्वपूर्ण उपाय किये जा रहे हैं। जिससे कोई अन्य आपका ईमेल हैक नहीं कर पाएगा। इसी तरह से देश में भी सरकारी ईमेल सेवा के लिए पासवर्ड के साथ ही मोबाइल पर अलर्ट, उंगुली के निशान, चेहरे की पहचान के नियम शुरू किये जा रहे हैं। इससे सरकारी सूचना के लीक होने की आशंका बिलकुल खत्म हो जाएगी। दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत तकनीक का गुरू आदिकाल से ही रहा है। ऐसे में यह मानना कि भारत अपने इंटरनेट को सुरक्षित नहीं कर सकता है, एक मिथ है। एनआईसी ने यह साबित किया है कि वह डिजीटल सेना है और इसके सेनानियों ने यह दो बेहतरीन प्रोडेक्ट लांच कर इंटरनेट को काफी सुरक्षित करने का काम किया है।

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