भारत और श्रीलंका के तटरक्षकों ने सहयोग बढ़ाने के मुद्दे पर की बैठक

दोनों देशों भारत और श्रीलंका के तटरक्षकों के बीच एमओयू के प्रविधानों के तहत पांचवीं उच्चस्तरीय बैठक हुई। भारतीय तटरक्षक के महानिदेशक के. नटराजन और श्रीलंका तटरक्षक के महानिदेशक रियर एडमिरल अनुरा एकनायके ने बैठक की संयुक्त रूप से अध्यक्षता की।

By Neel RajputEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 07:33 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 07:33 AM (IST)
भारत और श्रीलंका के तटरक्षकों ने सहयोग बढ़ाने के मुद्दे पर की बैठक
तलाशी एवं बचाव अभियान, समुद्र में अंतरदेशीय अपराधों से मुकाबला और हिंद महासागर में समुद्री पर्यावरण के संरक्षण पर चर्चा

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत और श्रीलंका के तटरक्षकों ने मंगलवार को वर्चुअल बैठक की। दोनों देशों के तटरक्षकों ने तलाशी एवं बचाव अभियान, समुद्र में अंतरदेशीय अपराधों से मुकाबला और हिंद महासागर में समुद्री पर्यावरण के संरक्षण समेत विभिन्न समुद्री मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने पर बातचीत की।

भारतीय तटरक्षक ने ट्विटर पर कहा है कि दोनों देशों भारत और श्रीलंका के तटरक्षकों के बीच एमओयू के प्रविधानों के तहत पांचवीं उच्चस्तरीय बैठक हुई। भारतीय तटरक्षक के महानिदेशक के. नटराजन और श्रीलंका तटरक्षक के महानिदेशक रियर एडमिरल अनुरा एकनायके ने बैठक की संयुक्त रूप से अध्यक्षता की।

श्रीलंका में चीन की मौजूदगी पैदा कर सकती है खतरा- शीर्ष अधिकारी

कुछ दिन पहले भारतीय नौसेना के एक शीर्ष अधिकारी ने अहम बयान दिया था। श्रीलंका में चीनी नौसेना को नई बंदरगाह परियोजनाएं मिलने पर उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि यह क्षेत्र में भारतीय हितों के लिए खतरा हो सकता है और इस तरह की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने की आवश्यकता है। न्यूज एजेंसी एएनआइ के साथ एक इंटरव्यू में नौसेना के वाइस चीफ वाइस एडमिरल जी अशोक कुमार ने कहा था कि भारतीय नौसेना देश की समुद्री सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

इस दौरान उनसे सवाल किया गया कि क्या श्रीलंका में बंदरगाह पर चीन के कब्जा से भारत को खतरा हो सकता है? इस पर जवाब देते हुए अधिकारी ने कहा कि यदि आप विश्लेषण करना चाहते हैं कि यह खतरा है या नहीं, तो यह एक बहुत ही कठिन सवाल है। इस क्षेत्र से उनके अधिकांश ऊर्जा स्रोत गुजरते हैं ऐसे में उनके पास ऐसा करने के लिए तर्कसंगत कारण हो सकता है। इसके बावजूद अगर कोई बाहरी इस क्षेत्र में इतनी रुचि दिखाना शुरू कर देता है तो यह हमारे लिए खतरा पैदा कर सकता है। हमें केवल यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि समुद्री सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए करीब से नजर रखी जाए।

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