म्यांमार के चिन प्रदेश के सीएम ने भारत में शरण ली, तख्ता पलट के बाद मिजोरम राज्य बना ठिकाना
पड़ोसी देश में तख्ता पलट के बाद मिजोरम में करीब नौ हजार लोगों ने शरण ली। गृह विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि 24 सांसदों ने राज्य के विभिन्न जिलों में शरण ली है विशेष रूप से म्यांमार सीमा पर।
नई दिल्ली, जेएनएन। म्यांमार के चिन राज्य के मुख्यमंत्री सलाई लियान लुई ने अपने देश में सैन्य तख्तापलट के बाद बनी स्थितियों से त्रस्त होकर मिजोरम में शरण ली है। यह जानकारी राज्य के गृह विभाग के सूत्रों ने दी है।
सूत्रों ने कहा कि सलाई लियान लुई, जिन्हें 2016 में उनके पद पर नियुक्त किया गया था, सोमवार की रात सीमावर्ती शहर चंपई के रास्ते भारत में आए। यह क्षेत्र मिजोरम की राजधानी आइजल से करीब 185 किमी दूर है।
पश्चिमी म्यांमार में चिन राज्य मिजोरम के चंपई, सियाहा, लवंगतलाई, सेरछिप, हनहथियाल और सैतुअल में छह जिलों के साथ 510 किमी पश्चिमी सीमा साझा करता है। यह अपने उत्तरी भाग को मणिपुर के साथ और दक्षिण-पश्चिम को बांग्लादेश के साथ साझा करता है।
फरवरी की शुरुआत में तख्तापलट के बाद से म्यांमार के 9,247 नागरिक मिजोरम में शरण ले चुके हैं। इन लोगों में सलाई लियान लुई और नेशनल लीग फार डेमोक्रेसी (एनएलडी) के 23 सांसद शामिल हैं। एनएलडी आंग सान सू की की पार्टी है।
गृह विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि 24 सांसदों ने राज्य के विभिन्न जिलों में शरण ली है, विशेष रूप से म्यांमार सीमा पर।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, आइजल में 1,633 लोगों ने, लवंगतलाई जिले में 1,297, सियाहा जिले में 633, हनहथियाल जिले में 478, लुंगलेई जिले में 167, सेरछिप जिले में 143, सैतुअल जिले में 112, कोलासिब जिले में 36 और ख्वाजावल जिले में 28 लोगों ने शरण ली है।
इन लोगों को नागरिक समाज, छात्र और युवा संगठन और गैर सरकारी संगठन भोजन और सिर छुपाने की जगह उपलब्ध करा रहे हैं। कई लोगों को स्थानीय लोगों ने भी आसरा दिया है। मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में शरण लेने वालों को राहत देने के लिए धन स्वीकृत किया है। यह धन जल्द जारी किया जाएगा।