मध्यप्रदेश न केवल बाघों को बचाने के लिए बल्कि उनकी संख्या बढ़ाने के लिए भी प्रतिबद्ध: विश्व बाघ दिवस पर मुख्यमंत्री चौहान

मुख्यमंत्री ने पन्ना टाइगर रिजर्व में सफल बाघ बहाली का विशेष उल्लेख किया और सतपुड़ा के घने जंगलों में बाघों की बढ़ती संख्या पर भी प्रसन्नता व्यक्त की। चौहान ने विश्व बाघ दिवस के अवसर पर राज्य के वन विभाग को बधाई दी।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 11:56 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 12:05 PM (IST)
मध्यप्रदेश न केवल बाघों को बचाने के लिए बल्कि उनकी संख्या बढ़ाने के लिए भी प्रतिबद्ध: विश्व बाघ दिवस पर मुख्यमंत्री चौहान
मध्यप्रदेश न केवल बाघों को बचाने के लिए बल्कि उनकी संख्या बढ़ाने के लिए भी प्रतिबद्ध

भोपाल, एएनआइ। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विश्व बाघ दिवस के अवसर पर राज्य के वन विभाग को बधाई देते हुए गुरुवार को कहा कि राज्य जिसे 'टाइगर स्टेट' के रूप में जाना जाता है, वह न केवल बाघों को बचाने के लिए बल्कि उनकी आबादी बढ़ाने की दिशा में भी प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने पन्ना टाइगर रिजर्व में सफल बाघ बहाली का विशेष उल्लेख किया और सतपुड़ा के घने जंगलों में बाघों की बढ़ती संख्या पर भी प्रसन्नता व्यक्त की। 

इस बीच, वन्यजीव प्रेमियों और बाघ संरक्षण के प्रति उत्साही लोगों को बधाई देते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत विश्व स्तर पर बाघों की 70 फीसद आबादी का घर है। उन्होंने कहा कि भारत बाघों के लिए सुरक्षित आवास सुनिश्चित करने और बाघों के अनुकूल इकोसिस्टम पर काम करते हुए संवारने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराता है।

पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, 'भारत 18 राज्यों में फैले 51 टाइगर रेसेर्वेस का घर है। 2018 की अंतिम बाघ गणना में बाघों की आबादी में वृद्धि देखी गई। भारत ने बाघ संरक्षण पर सेंट पीटर्सबर्ग घोषणा के समय से 4 साल पहले बाघों की आबादी को दोगुना करने का लक्ष्य हासिल किया।' यहां आपको बता दें कि रूस में 2010 में बाघों के संरक्षण पर सेंट पीटर्सबर्ग घोषणा-पत्र में 2022 तक बाघों की संख्या दोगुना करने का संकल्प लिया गया था। रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में बाघ क्षेत्र वाले देशों के शासनाध्यक्षों ने बाघ संरक्षण पर सेंट पीटर्सबर्ग घोषणा पर हस्ताक्षर करके 2022 तक बाघ क्षेत्र की अपनी सीमा में बाघों की संख्या दोगुना करने का संकल्प लिया था। इसी बैठक के दौरान दुनिया भर में 29 जुलाई को वैश्विक बाघ दिवस के रूप में मनाने का भी निर्णय लिया गया।

बता दें कि कुछ महीने पहले खबर आई थी कि गोवा के बाद टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश अब दिल्ली चिड़ियाघर के लिए भी बाघ देगा। केंद्रीय पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री बाबुल सुप्रियो ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर बाघ, सफेद मोर और भारतीय गिद्ध की मांग की थी। दो साल में दिल्ली तीसरा राज्य है, जिसने मध्य प्रदेश से बाघ की मांग की थी। इससे पहले गोवा का प्रस्ताव आ चुका है। वहीं वर्ष 2018 में केंद्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान की मांग पर बाघ महावीर एवं बाघिन सुंदरी को ओडिशा के सतकोशिया टाइगर रिजर्व भेजा जा चुका है। हालांकि इसके परिणाम अच्छे नहीं रहे। बाघ मारा गया, बाघिन बाड़े में कैद है। अब गोवा और दिल्ली के प्रस्ताव पर बाघों को भेजने की तैयारी चल रही है।

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