त्रिपुरा के CM बिप्लब कुमार ने कहा- कोर्ट की अवमानना से घबराएं नहीं अधिकारी, किसी को जेल भेजना आसान नहीं, पुलिस नियंत्रण मेरे पास

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने सरकारी अधिकारियों से कहा कि वे अदालत की अवमानना को लेकर घबराएं नहीं। उन्होंने कहा कि किसी को जेल भेजना आसान नहीं है क्योंकि पुलिस का नियंत्रण उनके पास है। मुख्यमंत्री के इस बयान पर राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 06:31 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 07:14 PM (IST)
त्रिपुरा के CM बिप्लब कुमार ने कहा- कोर्ट की अवमानना से घबराएं नहीं अधिकारी, किसी को जेल भेजना आसान नहीं, पुलिस नियंत्रण मेरे पास
CM बिप्लब बोले, अदालत की अवमानना से घबराएं नहीं अधिकारी।

अगरतला, एजेंसी। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने सरकारी अधिकारियों से कहा कि वे अदालत की अवमानना को लेकर घबराएं नहीं। उन्होंने कहा कि किसी को जेल भेजना आसान नहीं है, क्योंकि पुलिस का नियंत्रण उनके पास है। मुख्यमंत्री के इस बयान पर राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है। विपक्षी दलों का कहना है कि उनके शासन में लोकतंत्र दांव पर लगा हुआ है।

त्रिपुरा सिविल सेवा अधिकारी संघ के द्विवार्षिक सम्मेलन में कही ये बात

त्रिपुरा सिविल सेवा अधिकारी संघ के द्विवार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए देब ने कहा, अधिकारियों का एक वर्ग अदालत की अवमानना का जिक्र इस तरह करता है, जैसे यह कोई बाघ हो। लेकिन असल में मैं बाघ हूं। इन दिनों अधिकारियों का एक तबका अदालत की अवमानना से सहमे रहते हैं। फाइलों को वे इस डर से नहीं छूते हैं कि इससे अदालत की अवमानना होगी और वे मुश्किल में पड़ जाएंगे। बिप्लब ने कहा, समस्या कहां पर है? अदालत की अवमानना के आरोप में कितने अधिकारियों को जेल भेजा गया है? मैं यहां हूं। यदि आपमें से किसी को जेल भेजा गया तो उससे पहले मैं जेल जाऊंगा।

सीएम ने कहा कि किसी को जेल भेजना आसान काम नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी को जेल भेजना आसान काम नहीं है, क्योंकि इसके लिए पुलिस की जरूरत पड़ेगी। दर्शकों की जोरदार तालियों के बीच उन्होंने कहा, पुलिस को मैं नियंत्रित करता हूं। शक्ति उसके हाथ में होती है, जो सरकार चलाता है। इस बीच, विपक्षी पार्टियों ने मुख्यमंत्री के बयान की आलोचना की है। माकपा के राज्य सचिव जितेंद्र चौधुरी ने कहा कि इससे पता चलता है कि वे न्यायपालिका का सम्मान नहीं करते हैं, जो लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। तृणमूल कांग्रेस ने भी मुख्यमंत्री के बयान की आलोचना करते हुए सुप्रीम कोर्ट से इसका संज्ञान लेने का अनुरोध किया है।

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