छत्तीसगढ़ के CM ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र, एथेनॉल उत्पादन की दर तय करने पर कहा- शुक्रिया

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर चावल से एथेनॉल उत्पादन की दर 54. 87 रुपये/ प्रति लीटर तय करने के फैसले का शुक्रिया अदा किया है। बता दें कि इससे पहले भी सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 01:02 PM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 01:11 PM (IST)
छत्तीसगढ़ के CM ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र, एथेनॉल उत्पादन की दर तय करने पर कहा- शुक्रिया
छत्तीसगढ़ के CM ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र।

रायपुर, एएनआइ। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र को पत्र लिखकर चावल से एथेनॉल उत्पादन की दर 54. 87 रुपये/ प्रति लीटर तय करने के फैसले का शुक्रिया अदा किया है। इसके अलावा उन्होंने छत्तीसगढ़ किसानों से खरीदे गए सरप्लस धान को सीधे एथेनॉल संयत्रों को जैव ईधन उत्पादन की इजाजत प्रदान करनी की मांग की थी। इसके जरिए राज्य में लगने वाले एथेनॉल संयंत्रों को किसानों के जरिये सीधे दान का व्रिकय हो पाएगा। 

मुख्यमंत्री ने पत्र में आग्रह करते हुए कहा कि तेल वितरण कंपनियों द्वारा अधिशेष चावल (एफसीआई गोदामों के माध्यम से प्राप्त) से इथेनॉल उत्पादन की दर को 54.87 रुपये प्रति लीटर पर तय करने के लिए किए गए निर्णय के बारे में राज्य सरकार के प्रयासों और कठिनाइयों में सफलता मिली है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह इस फैसले को लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभारी हूं।

इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि राज्य सरकार की मांग है कि राज्य के किसानों से खरीदे गए अधिशेष धान (surplus paddy)को सीधे इथेनॉल पौधों को जैव ईंधन का उत्पादन करने की अनुमति दी जानी चाहिए ताकि राज्य में इथेनॉल पौधों को बेचे जाने वाले धान को किसानों द्वारा सीधे बेचा जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिशेष धान से सीधे इथेनॉल के उत्पादन की अनुमति राज्य के किसानों की आर्थिक प्रगति में मदद करेगी। 

उधर, केंद्र सरकार के नए कृषि, श्रम और उपभोक्ता कानूनों को छत्तीसगढ़ में विरोध किया गया था। राज्य सरकार ने इस कानून को अपने राज्य में लागू करने से इनकार कर दिया था। इन केंद्रीय कानूनों को रोकने के लिए राज्य सरकार नया कानून बनाने के लिए कहा था। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडलीय हाई पावर कमेटी की बैठक में उक्त फैसला हुआ लिया गया है। कमेटी ने राज्य के हितों की रक्षा के लिए संविधान के दायरे में रहकर विधि सम्मत कानून बनाने पर सहमति व्यक्त की है। इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की भी राय कमेटी ने दी गई थी।

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