इंदौर के सफाई योद्धाओं ने आइएएस एकेडमी में वेस्ट पेपर से बना दिया लाल बहादुर शास्त्री का पोट्रेट

मध्य प्रदेश के इंदौर नगर निगम के सफाई योद्धाओं ने मसूरी स्थित लालबहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन में 70 पुराने अखबार 25 मैगजीन व टिश्यू पेपर का उपयोग कर लाउंज में लालबहादुर शास्त्री का पॉ‌र्ट्रट (छवि) तैयार किया।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 07:23 PM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 07:23 PM (IST)
इंदौर के सफाई योद्धाओं ने आइएएस एकेडमी में वेस्ट पेपर से बना दिया लाल बहादुर शास्त्री का पोट्रेट
70 पुराने अखबार, 25 मैगजीन व टिश्यू पेपर से बना दिया लालबहादुर शास्त्री का पॉ‌र्ट्रट।

उदयप्रताप सिंह, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर नगर निगम के सफाई योद्धाओं ने मसूरी स्थित लालबहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन में जाकर प्रशिक्षु आइएएस अफसरों को सफाई का पाठ पढ़ाया। उन्होंने 70 पुराने अखबार, 25 मैगजीन व टिश्यू पेपर का उपयोग कर लाउंज में लालबहादुर शास्त्री का पॉ‌र्ट्रट (छवि) तैयार किया। जिस तरह इंदौर में 'थ्री-आर' (रीसाइकल, रीयूज, रीड्यूस) फॉर्मूले से अनुपयोगी चीजों से बैकलेन व गार्डन सजाया है, उसी तरह एकेडमी के ओपन टर्फ कैफे में पुराने टायर, लकड़ी के ठूंठ, किचन से निकले पुराने बर्तन, गत्ते के बॉक्स का इस्तेमाल कर एक कॉर्नर, कोलाज, प्लांटर व सजावटी चीजें तैयार कर दीं।

आइएएस एकेडमी के आग्रह पर इंदौर निगम की टीम मसूरी गई थी

आइएएस एकेडमी के आग्रह पर इंदौर निगम की ओर से मानव मैट्रिक्स एनजीओ के संचालक कैप्टन सनप्रीत सिंह और उनकी टीम के छह लोग मसूरी गए थे। उन्होंने वहां प्रशिक्षु आइएएस को वेस्ट टू आर्ट के बारे में वर्कशॉप में बताया।

कचरे को देखने को नजरिया बदलना होगा

कैप्टन सिंह के मुताबिक एकेडमी में प्रशिक्षु आइएएस भविष्य में अन्य शहरों में अधिकारी के रूप में काम करेंगे। ऐसे में हमने उन्हें बताया कि कचरे को देखने को नजरिया बदलना होगा। कचरे से कमाई और सजावट भी की जा सकती है। हमने उन्हें इंदौर में थ्री-आर पर किए जा रहे कार्यो के बारे में बताया है। उन्हें यह भी बताया कि वे अपने सुबह नौ से शाम पांच बजे की ड्यूटी के अलावा किस तरह जन जागरूकता फैला सकते हैं।

कचरे से खाद बनाने व कमाई का तरीका बताया

कैप्टन सनप्रीत के मुताबिक एकेडमी के डायरेक्टर हरीश चोपड़ा से बात हुई तो उन्होंने बताया कि परिसर में प्लास्टिक की बोतलों पर पाबंदी लगाई गई है। हमने उन्हें परिसर को जीरो वेस्ट परिसर बनाने की सलाह दी और डिस्पोजेबल का उपयोग कम से कम करने को कहा। अभी एकेडमी में निकलने वाले कचरे के निपटान के लिए वे निजी एजेंसी को पैसे देते हैं। इस संदर्भ में हमने उन्हें बताया कि किस तरह वे परिसर में गीले कचरे से खाद बना सकते हैं और सूखा कचरा कबाडि़यों को बेचकर कमाई कर सकते हैं।

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