मध्य प्रदेश: ग्वालियर में भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प, केस दर्ज

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। राज्य में होने वाले उपचुनाव के प्रचार के दौरान यह झड़प हुई। मामला दर्ज हो गया है। जानें आखिर क्यों दोनों कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 07:53 AM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 07:53 AM (IST)
मध्य प्रदेश: ग्वालियर में भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प, केस दर्ज
मध्य प्रदेश: ग्वालियर में भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प, केस दर्ज

ग्वालियर, एएनआइ। मध्य प्रदेश के  ग्वालियर में भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। राज्य में होने वाले उपचुनाव के प्रचार के दौरान यह झड़प  हुई। इस घटना के बाद मामला दर्ज हो गया है। दरअसल, एक कांग्रेस समर्थक का कहना है कि डबरा के कांग्रेस उम्मीदवार सुरेश राजे एक सार्वजनिक बैठक के लिए आने वाले थे, इसलिए हमने सोचा कि हम उनका स्वागत करेंगे, लेकिन कुछ लोगों ने आपत्ति की और हमारे साथ दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया। हालांकि, भाजपा कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि कांग्रेस नेताओं ने उन पर हमला किया और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं की पिटाई की।

कांग्रेस नेता सुरेश राजे और भाजपा कार्यकर्ता मोहन सिंह परिहार मामले के संबंध में मामला दर्ज करने के लिए पुलिस स्टेशन गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। बता दें कि  मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान 3 नवंबर को होंगे और नतीजे 10 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। बता दें कि कांग्रेस कार्यकर्ता और भाजपा कार्यकर्ता के बीच पहली बार झड़प नहीं हुई है। इससे पहले भी दोनों पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प आती रही है। 

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष को पूर्व बर्धमान जिले में काले झंडे दिखाए गए थे और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों द्वारा कथित रूप से उनके काफिले पर पथराव किया गया। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने आरोपों को खारिज किया है। यह घटना उस समय हुई, जब घोष किसानों से नए कृषि कानूनों के बारे में बातचीत के लिए जमालपुर क्षेत्र पहुंचे थे।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि दोनों दलों के समर्थक आपस में भिड़ गए, जिसके चलते हालात को काबू करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। घोष ने कहा, ''जैसे ही मेरा काफिला जमालपुर पहुंचा, मुझे काले झंडे दिखाए गए और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मेरे काफिले पर पथराव किया, जो अपनी पार्टी के झंडे लिए हुए थे। तृणमूल कांग्रेस लोकतंत्र में भरोसा नहीं करती और यह इसका प्रतिबिंब भर है।''

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