असम में दो दिन और बढ़ी इंटरनेट पर पाबंदी, अबतक 85 अराजक तत्व गिरफ्तार

आंदोलन को और हिंसक होने से रोकने के लिए असम में इंटरनेट सेवा पर पाबंदी को अगले दो दिन तक और बढ़ा दिया गया है।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Sat, 14 Dec 2019 09:23 PM (IST) Updated:Sat, 14 Dec 2019 09:23 PM (IST)
असम में दो दिन और बढ़ी इंटरनेट पर पाबंदी, अबतक 85 अराजक तत्व गिरफ्तार
असम में दो दिन और बढ़ी इंटरनेट पर पाबंदी, अबतक 85 अराजक तत्व गिरफ्तार

गुवाहाटी, संजय मिश्र। नागरिकता संशोधन के नए कानून (CAA) के खिलाफ आक्रोश में उबल रहा असम का हिंसक आंदोलन शनिवार को कुछ काबू में आता दिखायी दिया। बीते चार दिन से हिंसक हो चुके इस आंदोलन के चलते ठप गुवाहाटी शहर को शनिवार को जब कुछ घंटों की कफ्र्यू से छूट मिली तो हिंसा की कोई चिंताजनक घटना नहीं हुई।

असम के दूसरे हिस्सों से भी विरोध के हिंसामुक्त रिपोर्ट आ रही है। हालांकि ऑल असम स्टूडेंट यूनियन (आसू) का कैब विरोधी आंदोलन के अभी धीमा पड़ने के कोई संकेत नहीं हैं। आंदोलन को और हिंसक होने से रोकने के लिए असम में इंटरनेट सेवा पर पाबंदी को अगले दो दिन तक और बढ़ा दिया गया है। असम पुलिस ने हिंसा और तोड़-फोड़ में शामिल करीब 85 अराजक तत्वों को गिरफ्तार किया है।

कफ्र्यू में मिली ढील 

गुवाहाटी में सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक कफ्र्यू में ढील मिली, तो लोगों ने बाहर आकर सब्जी से लेकर जरूरी वस्तुओं की खरीदारी की। पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें नजर आईं तो सब्जी की दुकानों पर ग्राहक कीमतें दोगुनी होने की शिकायत करते दिखे। एहतियात के तौर पर गुवाहाटी में शनिवार को शाम चार बजे से कफ्र्यू फिर लागू हो गया। मगर इस दौरान सड़कों पर कुछ गाड़ियां चलती भी नजर आईं। शहर के कुछ चौराहों पर आवश्यक वस्तुओं की कुछ दुकानें भी खुली दिखी। पुलिस कफ्र्यू को सख्ती से लागू करने पर जोर देती नहीं दिखी।

कैब विरोधी आंदोलन के चलते जनजीवन ठप होने के बावजूद आम लोगों में आंदोलन के खिलाफ कोई नाराजगी नहीं दिख रही। बल्कि अधिकांश लोग इससे सहानुभूति जताते और समर्थन देते दिखे, लेकिन हिंसक तत्वों की अराजकता को लोग जरूर गलत मान रहे हैं। निजी कंपनी में काम करने वाले गुवाहाटी के हाटीगांव इलाके से भास्कर शर्मा ने कहा कि आंदोलन से मुश्किल तो हो रही है मगर दिल्ली वाले इस आंदोलन को धर्म से जोड़कर गलत कर रहे हैं। यह आंदोलन किसी धर्म या समुदाय के खिलाफ नहीं है बल्कि हम असम के लोग अपनी भाषा, संस्कृति और पहचान के लिए कैब को खतरा मान रहे हैं। इसीलिए हम इसके खिलाफ हैं और इसका विरोध करेंगे।

वीडियो फुटेज से अराजक तत्वों की पहचान

कैब विरोधी आंदोलन में अराजक तत्वों के हिंसा करने को लेकर पूछे जाने पर असम के डीजीपी ज्योति महंता ने दैनिक जागरण को बताया ऐसे तत्वों की पहचान हो रही है और हम उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करेंगे। आंदोलन के वीडियो फुटेज से ऐसे तत्वों की पहचान की जा रही है। वहीं पुलिस सूत्रों ने यह भी बताया कि हिंसा में शामिल 85 अराजक तत्वों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

आसू ने भी हिंसा की घटनाओं से झाड़ा पल्ला

नागरिकता कानून विरोधी आंदोलन का नेतृत्व कर रहे आसू ने भी हिंसा की घटनाओं से अपना पल्ला झाड़ लिया है। आसू के चीफ एडवाइजर समुजल कुमार भट्टाचार्य ने साफ कहा कैब विरोधी प्रदर्शन सुबह से लेकर शाम सात बजे तक ही होंगे। सूर्यास्त के बाद कोई आंदोलन नहीं होगा और अंधेरे में आंदोलन के नाम पर कोई हिंसा करता है तो उससे आसू का कोई लेना देना नहीं है।

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