citizenship amendment act 2019: नागरिकता कानून पर अब दिल्ली में भड़की हिंसा, असम में हालात काबू में

citizenship amendment act 2019 पूर्वोत्तर राज्यों खासकर असम में आंदोलन की उग्रता धीमी पड़ गई है। लेकिन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आंदोलन हिंसक हो गया है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Sun, 15 Dec 2019 07:32 PM (IST) Updated:Sun, 15 Dec 2019 09:57 PM (IST)
citizenship amendment act 2019: नागरिकता कानून पर अब दिल्ली में भड़की हिंसा, असम में हालात काबू में
citizenship amendment act 2019: नागरिकता कानून पर अब दिल्ली में भड़की हिंसा, असम में हालात काबू में

नई दिल्ली,एजेंसी। नागरिकता कानून में संशोधन के खिलाफ पूर्वोत्तर राज्यों खासकर असम में आंदोलन की उग्रता धीमी पड़ गई है। लेकिन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आंदोलन हिंसक हो गया है। रविवार को प्रदर्शनकारियों ने दक्षिणी दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में जमकर तांडव मचाया। तीन बसों और कुछ मोटरसाइकिलों को आग के हवाले कर दिया। आग बुझाने पहुंचे दमकल वाहनों पर भी हमला किया गया, जिसमें दो कर्मी घायल हो गए। हालात को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

बताया गया है कि बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने जामियानगर से ओखला की तरफ मार्च निकाला। इसमें जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्र भी शामिल थे। इस दौरान पुलिस के साथ उनकी झड़प हो गई, जिसके बाद प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और आगजनी करने लगे। हालांकि जामिया ने हिंसा में अपने छात्रों के शामिल होने से इनकार किया है। प्रभावित इलाकों में मेट्रो सेवा भी रोकी गई। इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रदर्शन शांतिपूर्ण हो।

#CABProtests नागरिकता कानून के खिलाफ दिल्ली में हिंसक प्रदर्शन pic.twitter.com/llU58nQ5ie

— sanjeev tiwari (@sanjeev_jagran) December 15, 2019

राजधानी दिल्ली में बसें फूंकीं, राहगीरों पर हमला

असम और बंगाल के बाद अब राजधानी दिल्ली में भी नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है। रविवार को दक्षिणी दिल्ली में आगजनी और पत्थरबाजी की घटनाएं हुई। उपद्रवियों ने कई बसें फूंक दीं। राहगीरों और पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया। उपद्रव के कारण क्षेत्र में मेट्रो के चार स्टेशन भी बंद करने पड़े। वहीं, बंगाल में लगातार तीसरे दिन हिंसा हुई। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से शांति की अपील के बावजूद कई जगहों पर आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुई।

सीएए के विरुद्ध जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के प्रदर्शन में स्थानीय लोगों के शामिल हो जाने के कारण रविवार को दक्षिणी दिल्ली जल उठी। उत्पातियों ने पूरे दिन दिल्ली-नोएडा रोड और मथुरा रोड को ठप रखा। उपद्रवियों ने शाम करीब पांच बजे मथुरा रोड पर सूर्या होटल के सामने चार बसों, बटला हाउस मेन चौक पर बनी पुलिस चौकी को आग लगा दी। कई मोटरसाइकिलें फूंक दी गई। हिंसा में कई राहगीर और पुलिसकर्मी घायल हो गए। दो दमकलकर्मी भी उपद्रवियों के हमले में घायल हुए हैं। उत्पात मचा रहे उपद्रवियों को पुलिस ने लाठी भांजकर भगाया। इस बीच, जामिया प्रशासन ने प्रदर्शन और हिंसा में छात्रों के शामिल होने से इन्कार किया है।

बंगाल में भी आगजनी और तोड़फोड़ का सिलसिला नहीं थमा

दूसरी ओर, बंगाल में तीसरे दिन भी उत्पातियों ने मुर्शिदाबाद के पास रेलवे स्टेशनों में तोड़फोड़ और आगजनी की। रेल पटरी पर टायर जलाकर ट्रेन संचालन ठप करने एवं ट्रेनों में पथराव की घटनाएं भी हुई। एहतियातन कई ट्रेनों को रद कर दिया गया। उपद्रवियों ने स्थिति संभालने पहुंची पुलिस की गाड़ी को भी आग लगा दी। आरपीएफ और जीआरपी को निशाना बनाकर पथराव और स्टेशनों में लूटपाट की भी खबरें हैं। आग बुझाने पहुंचे दमकल कर्मियों को भी विरोध का सामना करना पड़ा। सोशल मीडिया के जरिये अफवाहों पर लगाम के लिए राज्य सरकार ने एहतियातन छह जिलों में अस्थायी रूप से इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। उधर, तीसरे दिन हालात सामान्य रहने पर दक्षिण पूर्व रेलवे ने सेवा बहाल करनी शुरू कर दी है।

अलीगढ़ में भड़की हिंसा

अलीगढ़ में भी देर शाम सीएए के विरोध में हिंसा भड़क गई। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) परिसर के निकट स्थित एएमयू सर्किल चौराहे पर पथराव और फायरिंग की खबरें हैं। पथराव में पांच पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। जानकारी के मुताबिक प्रदर्शन में यूनिवर्सिटी के छात्रों के अलावा अन्य लोग भी शामिल हैं।

बिहार, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में भी प्रदर्शन

सीएए के विरोध में पटना के अशोक राजपथ से लेकर कारगिल चौक तक जमकर बवाल हुआ। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और राहगीरों पर पथराव किया। एक दर्जन वाहनों को फूंक दिया। पथराव में टाउन डीएसपी सुरेश कुमार समेत एक दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गए। कारगिल चौक के पास दो पुलिस चेकपोस्ट को आग के हवाले कर दिया गया। हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को 15 राउंड हवाई फाय¨रग करनी पड़ी। आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में भी कुछ जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुआ। हालांकि कहीं से हिंसा की खबर नहीं है।

असम में सुधर रहे हालात

असम में सीएए के विरोध में भड़की हिंसा का दौर अब थमता नजर आ रहा है। रविवार को गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ के कुछ हिस्सों में दिन में कर्फ्यू में ढील दी गई। राज्य के विभिन्न हिस्सों में फंसे लोगों को निकालने के लिए राज्य पर्यटन विभाग ने विशेष ट्रेनों की व्यवस्था भी की है। हालात में सुधार और कर्फ्यू में ढील के बाद राशन की दुकानों और पेट्रोल पंपों पर लोगों की कतारें दिखीं। इससे पहले पिछले दिनों हुई हिंसा में असम में तीन लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 27 घायल हैं। मेघालय में भी दिन में कर्फ्यू में ढील दी गई।

आगे की राजनीतिक रणनीति

आसू ने दिए राजनीतिक पार्टी बनाने के संकेत

नागरिकता कानून के विरोध में अगुआ रहे ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) ने 'शिल्पी समाज' (कलाकार बिरादरी) के साथ भाजपा, अगप और कांग्रेस के विकल्प के तौर पर राजनीतिक पार्टी बनाने के संकेत दिए हैं। विरोध सभा में 'कॉन्सर्ट फॉर पीस एंड हार्मोनी' को संबोधित करते हुए लोकप्रिय गायक जुबीन गर्ग ने कहा- 'हम अपनी पार्टी लॉन्च करेंगे।' इसका समर्थन करते हुए आसू के अध्यक्ष दीपांका नाथ ने कहा- 'हम अब उस दिशा में सोच रहे हैं। हम शिल्पी समाज तथा असम के लोगों से बात कर विकल्प के बारे में सोच रहे हैं।' हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया किया आसू गैर-राजनीतिक ही रहेगा।

अगप सुप्रीम कोर्ट में दायर करेगी याचिका

असम में सत्तारुढ़ भाजपा की सहयोगी अगप नागरिकता कानून को रद कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी। अगप नेता दीपक दास ने कहा- हम इस कानून को रद्द कराने के लिए कानूनी रास्ता अख्तियार करेंगे, क्योंकि असम के लोग अपनी पहचान, भाषा पर खतरे को लेकर आशंकित हैं।

ममता आज से उतरेंगी सड़कों पर

तृणमूल कांग्रेस ने नागरिकता बिल के विरोध में बंगाल में रविवार को कई जगहों पर रैलियां निकालीं। इन रैलियों में कई मंत्रियों समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भी हिस्सा लिया। पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी भी सोमवार से सड़कों पर उतरेंगी।

भाजपा चलाएगी राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान

नागरिकता कानून का हो रहे विरोध को देखते हुए भाजपा ने लोगों को जागरूक करने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने का एलान किया है। पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है कि भाजपा कार्यकर्ता देश भर में लोगों को बताएंगे कि इस कानून में मुस्लिमों का कोई भी अधिकार छीने जाने का प्रावधान नहीं है। यह कानून मुस्लिम या किसी समुदाय के खिलाफ नहीं है। 

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