असम में हिंसक हुआ CAB का विरोध, प्रदर्शनकारियों ने तेल के टैंकर में लगाई आग; ड्राइवर की मौत
असम के सोनितपुर जिले में प्रदर्शनकारियों ने एक तेल के टैंकर को आग के हवाले कर दिया जिससे उसके चालक की मौत हो गई।
गुवाहाटी, एजेंसीयां। असम (Assam) में नागरिकता संसोधन कानून (CAB) को लेकर विरोध प्रदर्शन लगातार उग्र होता जा रहा है। शनिवार को भी नागरिक कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रहा। ताजा जानकारी के मुताबिक असम के सोनितपुर जिले में प्रदर्शनकारियों ने एक तेल के टैंकर को आग के हवाले कर दिया, जिससे उसके चालक की मौत हो गई।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक खाली तेल टैंकर पेट्रोल भरने के लिए उदलगुरी जिले के सिपाझर जा रहा था। शुक्रवार रात सोनितपुर के ढेकियाजुली में प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने तेल टैंकर में आग लगा दी। घटना में गंभीर रूप से घायल ड्राइवर को निजी नर्सिंग होम में ले जाया गया जहां उसने शनिवार सुबह दम तोड़ दिया।
वहीं, कानून-व्यवस्था तोड़ रहे 100 से अधिक लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसके अलावा लगभग 2,000 लोगों को हिरासत में लिया है। असम के डीजीपी बीजे महंत ने बताया कि गिरफ्तार किए गए कुछ लोगों की जांच जारी हैं। हमने उन लोगों को जाने दिया है जिन्होंने सिर्फ प्रदर्शनों में भाग लिया था।
इस बीच असम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद (एजेवाईसीपी) और 30 अन्य संगठन नागरिकता कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। ब्रह्मपुत्र घाटी के सभी जिलों में वरिष्ठ नागरिकों, छात्रों, कलाकारों, गायकों, बुद्धिजीवियों और शिक्षकों के साथ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।
एजेवाईसीपी (AJYCP) ने कामाख्या रेलवे स्टेशन पर पटरियों को अवरुद्ध कर दिया, जिससे गुवाहाटी से देश के अन्य हिस्सों में ट्रेन सेवाएं बाधित हुईं। एजेवाईसीपी के महासचिव पलाश चंगमाई ने कहा, 'हम असुविधा नहीं चाहते हैं, लेकिन देश के लोगों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए ये नाकाबंदी की गई है, क्योंकि संशोधित नागरिकता अधिनियम राज्य के लोगों के लिए खतरा है।'
इसके अलावा असम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद ने राज्य भर में 16 दिसंबर को सुबह 6 बजे से 36 घंटे की भूख हड़ताल का आह्वान भी किया है, जबकि 18 दिसंबर से सभी गांवों में ग्राम सभाओं का आयोजन करेंगे। ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) के महासचिव लुरिनज्योति गोगोई ने पीटीआई से कहा कि लोगों और छात्रों का विरोध प्रदर्शन पूरे राज्य में रोजाना शाम 5 बजे तक जारी रहेगा।
AASU ने 16 दिसंबर से तीन दिनों के लिए 'सत्याग्रह' का आह्वान किया है। गोगोई ने कहा कि हम इस आंदोलन को तब तक जारी रखेंगे जब तक कि अधिनियम वापस नहीं ले लिया जाता, साथ ही हम अपने संघर्ष में महात्मा गांधी के आदर्शों का पालन करेंगे जो कि अहिंसक होगा।