भारत में चोकसी के वकील ने कहा- मेहुल को डोमिनिका में जेल भेजने का आदेश, लेकिन अभी अस्पताल में रहेगा

डोमिनिका में एक मजिस्ट्रेट अदालत ने गुरुवार को मेहुल चोकसी को पुलिस हिरासत से जेल में ट्रांसफर कर दिया भारत में उनके वकील ने कहा कि लेकिन उन्होंने कहा कि वह अस्पताल में बने रहेंगे क्योंकि उसकी हालत बिगडी हुई है।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 09:14 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 09:22 AM (IST)
भारत में चोकसी के वकील ने कहा- मेहुल को डोमिनिका में जेल भेजने का आदेश, लेकिन अभी अस्पताल में रहेगा
भगोड़े मेहुल चोकसी को लेकर नई जानकारी आई सामने।(फोटो: दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, प्रेट्र। डोमिनिका की मजिस्ट्रेटी अदालत ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को गुरुवार को जेल भेजने का आदेश दिया, लेकिन उसका फिलहाल अस्पताल में इलाज चलता रहेगा क्योंकि उसकी तबीयत और बिगड़ गई है। भारत में चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया, 'पुलिस हिरासत को जेल हिरासत में बदल दिया गया है।'  वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि हां, (चोकसी की) पुलिस हिरासत को जेल हिरासत में भेज दिया गया है, लेकिन वह अस्पताल में ही रहेगा क्योंकि उसकी हालत खराब हो गई है। उसकी कानूनी टीम ने डोमिनिका चाइना फ्रेंडशिप अस्पताल के डॉक्टरों से मानसिक तनाव और उच्च रक्तचाप का चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था, जहां चोकसी का इलाज चल रहा है।

इस घटनाक्रम को भारत के लिए आशा की किरण के रूप में देखा जा रहा है जिसने डोमिनिका हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर चोकसी के वकीलों द्वारा दायर मामले में एक पक्ष बनाने की अपील की है। चोकसी की जमानत याचिका पहले ही खारिज हो चुकी है।

प्रत्यर्पण के लिए डोमिनिका से बात कर रहा भारत

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को बताया कि भारत सरकार चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए डोमिनिका सरकार के साथ पूरी सक्रियता से बात कर रही है। इस बीच, डोमिनिका के मजिस्ट्रेट कोर्ट ने देश में चोकसी के गैरकानूनी प्रवेश के मामले की सुनवाई 25 जून तक के लिए टाल दी है।

चोकसी को लेकर सीबीआइ का खुलासा

सीबीआइ ने कहा है कि भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को 2017 में अपने खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की आसन्न पूछताछ की जानकारी मिल गई थी और इसी वजह से वह साक्ष्यों को छिपाकर भारत से फरार हो गया था। सीबीआइ ने अपने पूरक आरोप पत्र में आइपीसी की धारा-201 के साथ अन्य आरोपों को भी शामिल किया है जो आपराधिक साजिश के तहत संदिग्ध द्वारा सुबूतों को मिटाने से संबंधित है।

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