Chhattisgarh: बारिश में भीगते, कीचड़ भरी पगडंडियों से होकर बाढ़ ग्रस्त इलाके के दौरे पर निकले ये विधायक

चित्रकोट विधासनसभा क्षेत्र के विधायक राजमन बेंजाम बाढ़ ग्रस्त इलाकों में नाव से दौरा करते हुए नजर आ रहे थे। इन्हीं विधायक राजमन का एक और वीडियो सामने आया है।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Sun, 20 Sep 2020 01:19 PM (IST) Updated:Sun, 20 Sep 2020 01:19 PM (IST)
Chhattisgarh: बारिश में भीगते, कीचड़ भरी पगडंडियों से होकर बाढ़ ग्रस्त इलाके के दौरे पर निकले ये विधायक
Chhattisgarh: बारिश में भीगते, कीचड़ भरी पगडंडियों से होकर बाढ़ ग्रस्त इलाके के दौरे पर निकले ये विधायक

जगदलपुर, विनोद सिंह। आम तौर हम देखते हैं कि विधायक या सांसद की कुर्सी मिलने के बाद इंसान की ठाठ बाट बदल जाती है। उसे जनता की समस्याओं से ज्यादा सरोकार इस बात से होने लगता है कि चकाचक सफेद कुर्ते और पायजामे पर कोई दाग-धब्बा न लगे। इन्हें अपने जूते- चप्पल पर धूल-मिट्टी लगने की फिक्र भी होती है, लेकिन देश के दूरस्थ इलाकों में इन जनप्रतिनिधियों की छवि कुछ और ही होती है। यहां सादगी पर किसी भी प्रकार के रुतबे का रंग नहीं चढ़ पाता और जनप्रतिनिधि आम लोगों की समस्या के समाधान के लिए जमीनी स्तर पर काम करते हैं। 

पिछले दिनों कुछ वीडियो सामने आए थे जिनमें चित्रकोट विधासनसभा क्षेत्र के विधायक राजमन बेंजाम बाढ़ ग्रस्त इलाकों में नाव से दौरा करते हुए नजर आ रहे थे। इन्हीं विधायक राजमन का एक और वीडियो सामने आया है, जिसमें दिख रहा है कि वे कितने समर्पित भाव से अपने काम में लगे हुए हैं। अपने विधानसभा क्षेत्र में लोगों की समस्या जानने के लिए निकले राजमन एक बार फिर दौरे पर निकले हैं। इस बार देश के सर्वाधिक पिछड़े इलाकों में शुमार होने वाले इनके विधानसभा क्षेत्र की पूरी तस्वीर भी सामने आ रही है। मूल रूप से किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले राजमन की एक तस्वीर भी पछिले दिनों सामने आई थी, जिसमें वे खेत में रोपा लगाते नजर आ रहे थे।

चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र में दो जिलों के कुल पांच विकासखंड क्षेत्र आते हैं। इनमें लोहांडीगुड़ा, बस्तानार, तोकापाल, दरभा और सुकमा जिले के तोंगपाल क्षेत्र के सात-आठ गांव आते हैं। राजमन का काफिला अपने विकासखंड मुख्यालय से सुबह 10 बजे वाहनपुर गांव के लिए रवाना हुआ। यहां से विधायक ने अपने वाहनों के काफिले काे छोड़ दिया और कहा- आगे का सफर पैदल करेंगे। इंद्रावती नदी के तटीय इलाकों तक पहुंचने के लिए वाहनों को छोड़ना पड़ता है। यहां सिर्फ कच्ची सड़कें हैं। यहां से पैदल चलते हुए काफिला सुबह करीब साढ़े 11 बजे चमरूपारा गांव पहुंचा। इस बीच जोरदार बारिश होती रही और विधायक सहित काफिले में मौजूद लोग इस बरसते पानी की चिंता छोड़ आगे बढ़ते रहे। 

इसके बाद कोरनगाली, ढोकम, बिरगाली, बोरजा, जामगांव होते हुए बास्तानार 4:45 को लगभग बास्तानार चलकर पहुंचे। इस रास्ते पर पड़ने वाले पटेलपारा गांव के नाले को भी पार किया। खेतों की मेढ़ों, पगडंडी वाले रास्तों पर पैदल चलते विधायक के काफिले के देखकर लोग उनके पास आते रहे ओर अपनी समस्याएं बताते रहे। विधायक ने पूरी तत्परता के साथ उनकी बातों को सुना और समस्याओं का संभव समाधान करने का आश्वासन दिया। विधायक ने बताया बिजली और सड़कें न होना यहां के लोगों की सबसे बड़़ी समस्या है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत प्रस्तावित कई सड़कों का काम यहां अधूरा है। सड़कें बन जाएंगी तो क्षेत्र का तेजी से विकास हो सकेगा। मैंने समस्याओं के निराकरण के लिए एक पूरी योजना तैयार की है और जल्द ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलकर इस विषय पर उनसे चर्चा करूंगा।  

बता दें कि चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र बस्तर का एक ऐसा विधानसभा क्षेत्र है जिसमें सर्वाधिक आदिवासी आबादी निवास करती है। यहां करीब 85 फीसद लोग आदिवासी हैं। यह बस्तर संभाग के 32 विकासखंडों में सबसे पिछड़ा विकासखंड है। इस विधानसभा क्षेत्र से दो नेशनल हाइवे गुजरते हैं, लेकिन चमक-धमक सिर्फ सड़कों के किनारे तक सीमित है। चुंकि राजमन विधायक बनने से पहले 18 वर्षों तक पंचायत प्रतिनिधि रहे हैं, इसलिए अपने क्षेत्र के चप्पे-चप्पे की उन्हें जानकारी है और वे अब भी अपने क्षेत्र के विकास का मकसद लेकर उसी उत्साह के साथ काम में जुटे हुए हैं।

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