कोरोना वैक्सीन बनाने वाली भारतीय कंपनियां चीनी हैकरों के निशाने पर, सुरक्षा एजेंसियों ने किया आगाह

भारत और चीन दोनों देश विभिन्न देशों को कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करवा रहे हैं। भारत दुनियाभर में बिकने वाले सभी टीकों का 60% से अधिक उत्पादन करता है। सीरम इंस्टीट्यूट और बायोटेक जैसी कंपनियों की आइटी सिक्योरिटी पर को लक्ष्य बनाया गया है।

By Neel RajputEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 05:01 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 05:01 PM (IST)
कोरोना वैक्सीन बनाने वाली भारतीय कंपनियां चीनी हैकरों के निशाने पर, सुरक्षा एजेंसियों ने किया आगाह
सीरम इंस्टीट्यूट और बायोटेक जैसी कंपनियों की आइटी सिक्योरिटी पर लगाई सेंध

नई दिल्ली, रायटर्स। एक चीन समर्थित हैकिंग समूह ने हाल के दिनों में कोरोना वैक्सीन बनाने वाली दो भारतीय कंपनियों के आइटी सिस्टम को निशाना बनाया है। इनमें भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) शामिल हैं। समाचार एजेंसी रायटर्स ने साइबर इंटेलीजेंस फर्म साइफिरमा के हवाले से यह जानकारी दी है। हैकरों ने कंपनियों की आइटी सिक्योरिटी में सेंध लगाने की कोशिश की है।

सिंगापुर और टोक्यो में स्थित गोल्डमैन सैक्स समर्थित साइफिरमा ने बताया कि चीनी हैकिंग समूह APT10, जिसे स्टोन पांडा के नाम से भी जाना जाता है, ने भारत के बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर और सप्लाई चेन सॉफ्टवेयर की कमजोरियों का पता लगाने की कोशिश की थी। SII कई देशों के लिए एस्ट्राजेनेका वैक्सीन बना रहा है और जल्द ही नोवाक्सैक्स शॉट्स का निर्माण शुरू कर देगा।

बता दें कि भारत और चीन दोनों देश विभिन्न देशों को कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करवा रहे हैं। भारत दुनियाभर में बिकने वाले सभी टीकों का 60% से अधिक उत्पादन करता है। SII और भारत बायोटेक ने इसे लकेर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। अमेरिकी न्याय विभाग ने 2018 में कहा था कि APT10 ने चीनी राज्य सुरक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर काम किया था।

नवंबर में विभाग ने भारत और कनाडा, फ्रांस, दक्षिण कोरिया और संयुक्त राज्य अमेरिका में COVID-19 वैक्सीन कंपनियों को निशाना बनाते हुए रूस और उत्तर कोरिया के साइबर हमलों का पता लगाया था। उत्तर कोरियाई हैकरों ने ब्रिटिश दवा निर्माता कंपना एस्ट्राजेनेका के सिस्टम में सेंध लगाने की भी कोशिश की है।

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