सीडीएस जनरल बिपिन रावत बोले, चीन से दक्षिण एशिया की स्थिरता को खतरा

जनरल रावत ने कहा कि म्यांमार और बांग्लादेश में चीन की घुसपैठ भारत के राष्ट्रीय हितों के लिए ठीक नहीं है क्योंकि यह भारत को घेरने का प्रयास है। इससे दक्षिण एशिया में स्थिरता के लिए खतरा पैदा हो गया है।

By Neel RajputEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 09:48 AM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 09:48 AM (IST)
सीडीएस जनरल बिपिन रावत बोले, चीन से दक्षिण एशिया की स्थिरता को खतरा
म्यांमार और बांग्लादेश में चीन की घुसपैठ भारत के राष्ट्रीय हितों के लिए ठीक नहीं

गुवाहाटी, प्रेट्र। चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) ने शनिवार को कहा कि विश्व शक्ति बनने की चीन की चाह ने दक्षिण एशिया में स्थिरता के लिए गंभीर खतरा पैदा कर दिया है। जनरल रावत ने कहा कि एक उभरती हुई विश्व शक्ति के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए चीन दक्षिण एशिया और हिंद महासागर में अपनी व्यापक पैठ बना रहा है। वह यहां प्रथम रविकांत सिंह स्मृति व्याख्यान दे रहे थे।

उन्होंने कहा कि हम देख रहे हैं कि इस क्षेत्र में अपने हितों को पूरी सुरक्षा प्रदान करने के लिए चीन द्वारा भू-रणनीतिक स्पर्धा के साथ ही भारी निवेश किया जा रहा है। इस क्षेत्र में अपनी रणनीतिक पैठ बनाने के लिए चीन ने नेपाल, श्रीलंका और मालदीव में उल्लेखनीय निवेश किया है। इसके अलावा हाल के दिनों में उसने बांग्लादेश और म्यांमार को भारी सैन्य सहायता भी दी है।

जनरल रावत ने कहा कि म्यांमार और बांग्लादेश में चीन की घुसपैठ भारत के राष्ट्रीय हितों के लिए ठीक नहीं है, क्योंकि यह भारत को घेरने का प्रयास है। इससे दक्षिण एशिया में स्थिरता के लिए खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि भारत के खिलाफ पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और गैर सरकारी संगठनों की गतिविधियों दोनों देशों के बीच शांति प्रक्रिया में बाधा हैं। चीन के साथ पाकिस्तान की विभिन्न क्षेत्रों में गठजोड़ भी भारत के खिलाफ है।

सरकार और सेना पर भरोसा रखें

बाद में प्रेस कांफ्रेंस में जनरल रावत ने कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद को समग्रता में देखा जाना चाहिए, लद्दाख सेक्टर या पूर्वोत्तर के राज्यों से जुड़े मुद्दों से जोड़कर नहीं। उन्होंने कहा कि पहले भी दोनों देशों के बीच कई मसले रहे हैं, जिन्हें बातचीत के जरिये सुलझा लिया गया है। इस बार दोनों देशों के बीच संदेह गहरे हैं और इसलिए इनके समाधान में समय लगेगा। लोगों को सरकार और सेना पर भरोसा रखना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्र में चीन के प्रभाव को कम करने के लिए भारत को अपने पड़ोसी देशों के साथ संवाद बढ़ाना चाहिए।

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