फिल्म-शिक्षा क्षेत्र में भारत की सोच बदल रहा चीन, भारी निवेश करके बढ़ा रहा प्रभाव

भारत में चीन की बढ़ती भूमिका को लेकर ताजा रिपोर्ट आशंकाएं पैदा करने वाली है। इस रिपोर्ट के अनुसार चीन ने भारत के फिल्म जगत विश्वविद्यालयों सामाजिक संस्थाओं शोध संस्थाओं इंटरनेट मीडिया और तकनीक आधारित उद्योगों पर हाल के वर्षों में काफी धन खर्च किया।

By TaniskEdited By: Publish:Thu, 09 Sep 2021 07:59 PM (IST) Updated:Thu, 09 Sep 2021 08:33 PM (IST)
फिल्म-शिक्षा क्षेत्र में भारत की सोच बदल रहा चीन, भारी निवेश करके बढ़ा रहा प्रभाव
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग । (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, आइएएनएस। भारत में चीन की बढ़ती भूमिका को लेकर ताजा रिपोर्ट आशंकाएं पैदा करने वाली है। इस रिपोर्ट के अनुसार चीन ने भारत के फिल्म जगत, विश्वविद्यालयों, सामाजिक संस्थाओं, शोध संस्थाओं, इंटरनेट मीडिया और तकनीक आधारित उद्योगों पर हाल के वर्षो में काफी धन खर्च किया। इन क्षेत्रों में चीन ने प्रत्यक्ष या परोक्ष निवेश के जरिये अपना प्रभाव बढ़ाया है। मैपिंग चाइनीज फुटप्रिंट्स एंड इन्फ्लूएंस आपरेशन इन इंडिया शीर्षक से प्रकाशित ला एंड सोसायटी एलायंस की 76 पेज की रिपोर्ट में भारत में चीन के बढ़ते प्रभाव पर प्रकाश डाला गया है।

इसमें कहा गया है कि चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी और वहां की खुफिया एजेंसियां भारत के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में धीरे-धीरे करके अपना दखल बढ़ाती जा रही हैं। वे मनोरंजन और बौद्धिक जगत में अपना असर बढ़ा रही हैं जिससे समाज की सोच को बदला जा सके। आम आदमी और मतदाताओं को प्रभावित किया जा सके। इतना ही नहीं चीन ने हाल के वर्षो में रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण औद्योगिक उप क्षेत्रों और कंपनियों में भी अपना निवेश बढ़ाया है।

चीन भारत को कब्जे में लेने की अपनी रणनीति पर आगे बढ़ते हुए ऐसा कर रहा है। कोरोना काल में चीन ने शेयर बाजार में आई मंदी का फायदा उठाते हुए भारत सहित कई देशों की प्रमुख कंपनियों और बैंकों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की कोशिश की थी। लेकिन भारत सरकार ने उसकी चाल को समझते हुए समय रहते हुए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और शेयरों की खरीद को तमाम कड़ी शर्तो से बांध दिया।

आम आदमी की सोच बदलने की साजिश

भारत में आम आदमी की सोच बदलने की यह साजिश चीन के कन्फ्यूशियस इंस्टीट्यूट के जरिये अंजाम दी जा रही है। इसके जरिये चीन शिक्षा जगत, फिल्म जगत और अन्य बौद्धिक संस्थाओं को मदद देता है। खास सोच वाली बौद्धिक संस्थाओं और बुद्धिजीवियों को रणनीति बनाकर मजबूत किया जाता है। बाद में यही लोग देश में चीन की नीतियों में मुखर पैरोकार बन जाते हैं और समाज को बदलने का काम करते हैं।

चाइना-इंडिया फिल्म को-प्रोडक्शन डायलाग

2019 में हुए बीजिंग इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में चाइना-इंडिया फिल्म को-प्रोडक्शन डायलाग बना। इसका उद्देश्य ऐसी फिल्मों के निर्माण को बढ़ावा देना है, जो भारत और चीन दोनों ही जगहों पर व्यापार कर सकें। इसके तहत आर्थिक, तकनीक और बौद्धिक आधार पर सहयोग किया जाएगा। इस डायलाग से शाहरुख खान और कबीर खान जैसे बड़े फिल्मी नाम भी जुड़े हैं। सूत्रों के अनुसार चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने एक प्रमुख भारतीय लाबीस्ट के नेतृत्व में एक ऐसा समूह भी गठित किया है, जो भारत में चीन के हितों को पोषण और उन्हें बढ़ावा देने का कार्य करे।

राकस्टार को ऐसे किया गया प्रभावित

पता चला है कि सफल हिंदी फिल्म राकस्टार के एक गाने में फ्री तिब्बत का झंडा लिए एक किरदार दिखाया गया था लेकिन चीन समर्थक लाबी ने निर्माताओं को प्रभावित कर उस झंडे को धुंधला करवा दिया था।

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