तीन दशक बाद चीन ने भारत से की है चावलों की खरीद, लद्दाख गतिरोध के बाद पहला मौका

चीन ने भारत से तीन दशक बाद चावलों की खरीद की है। लद्दाख गतिरोध के बाद दोनों देशों के बीच ये एक अच्‍छा संकेत माना जा रहा है। जून के बाद से ही सीमा पर दोनों देशों के बीच गतिरोध कायम है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Wed, 02 Dec 2020 03:35 PM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 04:18 PM (IST)
तीन दशक बाद चीन ने भारत से की है चावलों की खरीद, लद्दाख गतिरोध के बाद पहला मौका
चीन ने तीन दशक के बाद भारत से चावल की खरीद की है।

नई दिल्‍ली (रॉयटर)। तीन दशक के बाद चीन ने भारत से चावल की खरीद की है। लद्दाख गतिरोध के बाद ये पहला मौका है जब चीन की तरफ से ये कदम उठाया गया है। आपको बता दें कि भारत जहां दुनिया में चावलों का सबसे बड़ा एक्‍सपोर्टर है वहीं चीन सबसे बड़ा इंपोर्टर है। चीन हर वर्ष भारत से करीब 40 लाख टन चावल खरीदता है। लेकिन बीच में उसने भारत के चावलों की गुणवत्‍ता का मसला उठाकर चावल खरीद से मुंह फेर लिया था। चीन की तरफ से हुआ बदलाव दोनों देशों के बीच लद्दाख गतिरोध में काफी मायने रखता है। राइस एक्‍सपोर्टर एसोसिएशन को उम्‍मीद है कि भारत के चावल की गुणवत्‍ता केा देखते हुए आने वाले वर्ष में चीन और अधिक खरीद करेगा। एसोसिएशन के मुताबिक दिसंबर से फरवरी के दौरान इंडियन एक्‍सपोर्टर्स को एक लाख टन ब्रोकन राइस भेजने का ऑर्डर मिला है।

चीन की तरफ से आई ये खबर इस लिहाज से भी काफी अच्‍छी है क्‍योंकि हाल के कुछ माह के दौरान भारत ने चीन के कई एप्‍स पर प्रतिबंध लगाया है। इसके अलावा भी चीन भारत की तरफ से और अमेरिका की तरफ से लगाई कई तरह की बंदिशों से जूझ रहा है। लद्दाख गतिरोध के बाद से कारोबारियों ने भी बड़ी संख्‍या में चीन के उत्‍पादों को बेचने और खरीदने से इनकार किया है। वहीं कई कंपनियों ने भी ताजा अंतरराष्‍ट्रीय गतिरोध के बाद चीन से बाहर का रुख किया है। इन सभी कारणों की वजह चीन को जबरदस्‍त झटका लगा है।

गौरतलब है कि भारत और चीन के सैनिकों के बीच जून में हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं चीन के 40 जवान मारे गए थे। इसके बाद से सीमा पर लगातार गतिरोध बना हुआ है। भारत की तरफ से चीन का सामना करने और उसको किसी भी विपरीत परिस्थिति में माकूल जवाब देने की तैयारी भी की गई है। इस बीच सीमा पर गतिरोध को खत्‍म करने के लिए जहां दोनों देशों के सैन्‍य अधिकारियों की बातचीत कई बार हो चुकी है वहीं भारत ने गतिरोध को सुलझाने के लिए भारत कूटनीति का भी सहारा ले रहा है।

chat bot
आपका साथी