चीन और पाकिस्तान बढ़ा रहे परमाणु हथियारों का जखीरा, भारत को नहीं है चिंता, जानें वजह

एसआइपीआरआइ की रिपोर्ट के अनुसार चीन और पाकिस्तान परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ा रहे हैं। चीन के पास 350 पाक के पास 165 और भारत के पास 156 परमाणु हथियार है। वहां दुनिया के 90 फीसद परमाणु हथियार अमेरिका और रूस के पास हैं।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 02:41 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 02:41 PM (IST)
चीन और पाकिस्तान बढ़ा रहे परमाणु हथियारों का जखीरा, भारत को नहीं है चिंता, जानें वजह
चीन और पाकिस्तान अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार कर रहे हैं।

नई दिल्ली, एजेंसी। चीन और पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को लगातार बढ़ा रहा हैं। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल जनवरी तक चीन के पास 350, पाकिस्तान के पास 165 और भारत के पास 156 परमाणु हथियार हैं। एसआईपीआरआई के आकलन के अनुसार, रूस और अमेरिका के पास अनुमानित 13,080 वैश्विक परमाणु हथियारों में से 90 प्रतिशत से अधिक है।

भारत को चीन और पाकिस्तान के परमाणु हथियारोॆं से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। भारतीय अधिकारियों का के अनुसार परमाणु हथियारों कीू संख्या से ज्यादा उसका डिलिवरी सिस्टम मायने रखता है। बता दें कि भारत की सेनाओँ को 5,000 किलो मीटर दूरी तक मार करने वाली अग्नि-V इंटरकंटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें मिलने वाली है, जिसकी जद में चीन और पाकिस्तान पूरी तरह से आ जाएंगे।

एसआईपीआरआई के अध्ययन में सोमवार को कहा गया कि चीन, पाकिस्तान और भारत अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार कर रहे हैं। पिछले साल जनवरी तक चीन के पास 320, पाकिस्तान के पास 160 और भारत के पास 150 परमाणु हथियार थे। दुनिया में कुल नौ देशों अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, इजरायल और उत्तर कोरिया के पास ही परमाणु हथियार हैं। अध्ययन में कहा गया है, 'चीन परमाणु हथियार सूची में लगातार विस्तार कर रहा है, जबकि भारत और पाकिस्तान भी अपने परमाणु शस्त्रागार को बढ़ा रहा हैं।

5 मई, 2020 को पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच सैन्य गतिरोध को एक साल से अधिक समय हो गया है। इस दौरान 45 वर्षों में पहली बार दोनों पक्षों की ओर से घातक परिणाम देखने को मिला। भारत और चीन ने पैंगोंग झील क्षेत्र में शांति कायम करने में सीमित प्रगति की है, जबकि अन्य बिंदुओं पर गतिरोध बना हुआ है। वहीं, भारत और पाकिस्तान ने इस साल 25 फरवरी को अपने सैन्य अभियानों के महानिदेशकों के बीच बातचीत के बाद नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम की घोषणा करते हुए एक संयुक्त बयान जारी किया था।

एसआईपीआरआई के अध्ययन में उन कच्चे माल के भंडार के बारे में भी बात की गई है जो देशों के पास अपने परमाणु हथियारों के लिए हैं। भारत और इज़राइल ने मुख्य रूप से प्लूटोनियम का उत्पादन किया है और पाकिस्तान ने मुख्य रूप से (अत्यधिक समृद्ध यूरेनियम) एचईयू का उत्पादन किया है। अध्ययन में उल्लेख किया गया है कि चीन, फ्रांस, रूस, यूके और अमेरिका ने भी अपने परमाणु हथियारों में उपयोग के लिए एचईयू और प्लूटोनियम दोनों का उत्पादन किया है।

बयान में कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान की सरकारें अपने कुछ मिसाइल परीक्षणों के बारे में बयान देती हैं, लेकिन अपने (परमाणु) शस्त्रागार की स्थिति या आकार के बारे में कोई जानकारी नहीं देती हैं। एसआईपीआरआई इयरबुक 2021 में उल्लिखित अध्ययन में कहा गया है कि दुनिया के कुल 13,080 वैश्विक परमाणु हथियारों में से लगभग 2,000 को उच्च परिचालन अलर्ट की स्थिति में रखा गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि सऊदी अरब, भारत, मिस्र, ऑस्ट्रेलिया और चीन 2016 और 2020 के बीच दुनिया में प्रमुख हथियारों के पांच सबसे बड़े आयातक थे। इस अवधि में प्रमुख हथियारों के वैश्विक आयात में सऊदी अरब की 11 प्रतिशत और भारत की 9.5 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।

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