छत्तीसगढ़ के किसान के बेटे की दुर्लभ बीमारी से जिंदगी बचाने के लिए सांसद ने लिखा पीएम मोदी को पत्र

14 माह का बेटा छायांक दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्राफी से पीड़ित है। बीमारी से बचाने बच्चे को जोल्जेंसमा इंजेक्शन लगाने की सलाह डाॅक्टरों ने दी है। इस इंजेक्शन का एक डोज भारत मंगवाने पर टैक्स मिलाकर साढ़े 22 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 09:42 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 09:42 PM (IST)
छत्तीसगढ़ के किसान के बेटे की दुर्लभ बीमारी से जिंदगी बचाने के लिए सांसद ने लिखा पीएम मोदी को पत्र
रायगढ़ जिले के तुरंगा निवासी किसान का बेटा है दुर्लभ स्पाइनल मस्कुलर एट्राफी रोग से पीड़ित

रायगढ़, स्टेट ब्यूरो। छत्तीसगढ़ में रायगढ़ जिले के विकासखंड पुसौर के ग्राम तुरंगा निवासी मध्यम वर्गीय किसान नरेंद्र नायक और पद्मनी का 14 माह का बेटा छायांक दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्राफी से पीड़ित है। इस बीमारी से बचाने बच्चे को जोल्जेंसमा इंजेक्शन लगाने की सलाह डाॅक्टरों ने दी है।

इंजेक्शन के लिए चाहिए 22.50 करोड़ रुपये

यह दवा स्विटजरलैंड की नोवाटिस कंपनी में बनती है। इस इंजेक्शन का एक डोज भारत मंगवाने पर टैक्स मिलाकर साढ़े 22 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

सांसद साय ने की पीएम मोदी को पत्र लिखकर परिवार की मदद करने की अपील

रायगढ़ सांसद गोमती साय ने इसकी जानकारी होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर परिवार की मदद करने की अपील की है। छायांक के पिता नरेंद्र नायक ने बताया कि जब वह छह महीने का था, तब उसके कमर के नीचे के हिस्से ने मूवमेंट करना बंद कर दिया। इसके बाद धीरे-धीरे गले का हिलना-डुलना बंद हो गया।

14 माह का बेटा दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्राफी से पीड़ित

रायपुर के डाॅक्टरों से संपर्क किया। जांच के बाद डाॅक्टरों ने एसएमए टाइप वन स्पाइनल मस्कुलर एट्राफी रोग होने की आशंका जाहिर करते हुए दिल्ली में जांच कराने की सलाह दी।

अब तक मात्र 96 हजार रुपये की व्यवस्था हो पाई

इसके बाद रायपुर के ही एकता अस्पताल से छायांक की रिपोर्ट दिल्ली स्थित गंगाराम अस्पताल भेजी गई। यहां पीडियाट्रिक न्यूरोलाजिस्ट ने छायांक को एसएमए टाइप वन स्पाइनल मस्कुलर एट्राफी होने की पुष्टि की। नरेंद्र के लिए साढ़े 22 करोड़ का इजेक्शन मंगा पाना संभव नहीं है। फिलहाल वे भिलाई के इंपैक्ट गुर और मिलाप जैसी संस्थाओं के जरिए धन एकत्र करने की कोशिश कर रहे हैं। अब तक मात्र 96 हजार रुपये की व्यवस्था हो पाई है।

बिलासपुर के अपोलो में भर्ती थी 14 माह की सृष्टि

झारखंड के पलामू में रहने वाले सतीश कुमार की 14 माह की बेटी सृष्टि भी दुर्लभ बीमारी एसएमए टाइप वन (स्पाइनल मस्कुलर एट्राफी) की चपेट में आ गई थी। इसी साल फरवरी माह में उसे इलाज के लिए बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वर्तमान में सृष्टि वेंटिलेटर पर घर में है। सृष्टि के पिता एसईसीएल कोरबा में पदस्थ हैं।

शासन की ओर से हर संभव प्रयास किया जाएगा

यह बहुत दुर्लभ बीमारी है। मामला संज्ञान में आया है। शासन की ओर से हर संभव प्रयास किया जाएगा- डाॅ एसएन केशरी, सीएमएचओ, रायगढ़।

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