छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों को मिली कामयाबी, धमतरी में IED को किया ध्वस्त

छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी मिली है। धमतरी में नक्सलियों द्वारा लगाए गए लगभग 10 किलोग्राम आईईडी को निष्प्रभावी किया गया है। बता दें कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खात्मे के लिए तरह-तरह के अभियान चलाए जाते हैं।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 02:10 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 02:10 PM (IST)
छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों को मिली कामयाबी, धमतरी में IED को किया ध्वस्त
छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों को मिली कामयाबी, धमतरी में आइडी को किया ध्वस्त

रायपुर, एएनआइ। छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी मिली है। धमतरी में नक्सलियों द्वारा लगाए गए लगभग 10 किलोग्राम आईईडी को निष्प्रभावी किया गया है। बता दें कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खात्मे के लिए तरह-तरह के अभियान चलाए जाते हैं। इसके बाद भी प्रदेश से नक्सली हमलों की खबरें कम नहीं होती है।

पिछले दिनों सुकमा में 8 लाख रुपए के ईनामी नक्सली ने आत्मसमर्पण किया था। पुलिस ने बताया था कि यहां पर मुया सोढ़ी नाम के एक नक्सली ने आत्मसमर्पण कर दिया है। पुलिस के अनुसार, नक्सलियों के आत्मसमर्पण से नक्सल समूहों के उचित ढांचे, वित्तीय आपूर्ति नेटवर्क और स्थानीय नेटवर्क का पता चलेगा।

सुकमा के पुलिस अधीक्षक (SP) सुनील शर्मा ने बताया कि 14 और 15 अगस्त को एक नक्सल समूह द्वारा अन्य बाहरी नक्सली नेताओं के खिलाफ लाल पोस्टर लगाए गए थे जिन्हें उनके संगठन में शामिल होने के लिए मजबूर किया जा रहा था। उन पोस्टरों से हम उनके बीच एक आंतरिक संघर्ष का पता लगा सकते हैं।

इसके अलावा बस्तर समेत समूचे दंडकारण्य इलाके में नक्सलियों द्वारा उपयोग किए जा रहे ड्रोन फोर्स के लिए नई चुनौती बन गए हैं। पुलिस अब उनके ड्रोन से निपटने के लिए एंटी ड्रोन सिस्टम की तलाश कर रही है। इसके लिए देश व दुनिया की कई कंपनियों से बात चल रही है। एंटी ड्रोन सिस्टम लगाकर फोर्स नक्सलियों के ड्रोन की वेबलेंग्थ व फ्रीक्वेंसी गड़बड़ कर सकती है। इलेक्ट्रानिक माध्यम से उन्हें जाम कर सकती है और मारकर गिरा भी सकती है। बाजार में हाल के दिनों में इस तरह के एंटी ड्रोन उपकरण आए हैं।

पुलिस पता कर रही है कि यह कितने उपयोगी हैं और किस कंपनी का इलेक्ट्रानिक डिवाइस लगाना उचित होगा। जल्द ही बस्तर के अति नक्सल प्रभावित कैंपों में एंटी ड्रोन सिस्टम लगा दिया जाएगा। दरअसल, आधुनिक युद्धकला में मानवरहित विमान या ड्रोन का बहुत महत्व है। नक्सली फोर्स के कैंपों के आसपास नहीं फटक पाते पर कैंप के दायरे में क्या गतिविधियां चल रही हैं, वहां कितने लोग और कितने हथियार हैं, आदि की जानकारी लेने के लिए ड्रोन का उपयोग करते हैं। इसकी पुख्ता जानकारी बीते दो साल से मिल रही है। पिछले साल सुकमा जिले के पालोड़ी व किस्टारम कैंपों के ऊपर ड्रोन देखे गए। हालांकि जब तक जवान एक्शन लेते, ड्रोन गायब हो गए थे।

chat bot
आपका साथी