जब कतरा रहे थे बाकी डॉक्टर, तब कोरोना संक्रमित 500 महिलाओं की कराई डिलीवरी

आंबेडकर अस्पताल में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डा. ज्योति जायसवाल ने बताया कि कोरोनाकाल के बीच दिसंबर तक की स्थिति में आंबेडकर अस्पताल में 390 कोरोना संक्रमित तथा 194 कोरोना संदेही महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराया गया।

By Arun kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 12 Jan 2021 08:18 PM (IST) Updated:Tue, 12 Jan 2021 08:18 PM (IST)
जब कतरा रहे थे बाकी डॉक्टर, तब कोरोना संक्रमित 500 महिलाओं की कराई डिलीवरी
छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित आंबेडकर सरकारी अस्पताल की प्रसूति एवं स्त्री रोग की विभागाध्यक्ष डा. ज्योति जायसवाल आगे आईं।

 आकाश शुक्ला, रायपुर। गर्भवती महिलाओं के लिए कोरोना एक बड़ी मुसीबत लेकर आया था। ऐसे में विकट समय में छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित आंबेडकर सरकारी अस्पताल की प्रसूति एवं स्त्री रोग की विभागाध्यक्ष डा. ज्योति जायसवाल आगे आईं। आठ महीने में करीब 500 से अधिक कोरोना संक्रमित महिलाओं को नई जिंदगी देने के साथ सुरक्षित प्रसव भी कराया। इस बीच वह और उनकी टीम भी पाजिटिव हुईं, लेकिन स्वस्थ होकर फिर गर्भवतियों की सेवा में जुट गईं। जहां चिकित्सकों की इस पहल से सैकड़ों माताओं की गोद में स्वस्थ बच्चे खेल रहे हैं। वहीं आज भी संक्रमित प्रसूताओं के लिए अस्पताल में विशेष व्यवस्था कर उनका इलाज किया जा रहा है।

डा. ज्योति जायसवाल ने संक्रमित महिलाओं को दी नई जिंदगी

आंबेडकर अस्पताल में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डा. ज्योति जायसवाल ने बताया कि कोरोनाकाल के बीच दिसंबर तक की स्थिति में आंबेडकर अस्पताल में 390 कोरोना संक्रमित तथा 194 कोरोना संदेही महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराया गया। डा. ज्योति का कहना है कि विभाग में हर महीने करीब 1000 प्रसव कराए जाते हैं। जो प्रदेश में सबसे अधिक हैं।

कोरोनाकाल में हर दूसरा-तीसरा मरीज संक्रमित निकलने की वजह से गर्भवतियों की जांच और इलाज एक तरह से चुनौती थी। लेकिन स्टाफ के समग्र प्रयास से इस चुनौती को पार कर लिया गया है। प्रसव कराने वाली टीम में डा. ज्योति के अलावा डा. किशोर, डा. अविनाशी कुजूर, डा. आभा डहरवाल, डा. स्मृति नाइक, डा. अंचला महिलांग, डा. नेहा ठाकुर, डा. सुमा एक्का, डा. नीलम सिंह समेत अन्य चिकित्सकों का सहयोग रहा है।

खुद भी हुई संक्रमित और टीम भी

डा. ज्योति ने बताया कि प्रसव के बीच उनकी टीम के कई डाक्टर संक्रमित हुए। उनमें वह खुद भी शामिल हैं। लेकिन स्वस्थ होने के बाद फिर से सेवा में जुट गईं। सभी बच्चों का आज भी फालोअप लिया जा रहा है। जो पूरी तरह स्वस्थ हैं। उन्होंने दावा किया कि आंबेडकर अस्पताल मध्य भारत का पहला अस्पताल है, जहां कोरोना काल में इतनी संक्रमित महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराया गया।

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