Chhattisgarh News : नक्‍सलियों के खिलाफ ऑपरेशन होगा तेज, जानें कैसी है तैयारी और क्‍या है रणनीति

धुर नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में सुरक्षा बलों के कैंपों में कोई लॉकडाउन नहीं है। जवान जंगल में घुसकर नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन की तैयारी में हैं। सुरक्षा बलों की तैयारी पुख्‍ता है। जानें नक्‍सलियों के खिलाफ ऑपरेशन को लेकर क्‍या है रणनीति...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 07:19 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 07:19 PM (IST)
Chhattisgarh News : नक्‍सलियों के खिलाफ ऑपरेशन होगा तेज, जानें कैसी है तैयारी और क्‍या है रणनीति
जवान नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन की तैयारी में हैं।

अनिल मिश्रा, जगदलपुर। छत्तीसगढ़ कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित राज्यों में शामिल हो गया है। हर दिन यहां बड़ी संख्या में संक्रमित मिल रहे हैं। अधिकांश जिलों में लाकडाउन है लेकिन इस कठिन काल में भी सुरक्षा बल नक्सलियों के खिलाफ कर्तव्य पथ पर पूरी मुस्तैदी से डटे हुए हैं। धुर नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में सुरक्षा बलों के कैंपों में कोई लॉकडाउन नहीं है। जवान जंगल में घुसकर नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन की तैयारी में हैं।

90 फीसद टीकाकरण

सुरक्षा बलों ने संक्रमण से बचाव केउपाय कर लिये हैं। कैंपों तक संक्रमण न पहुंचे इसका ध्यान रखा जा रहा है। यहां तैनात करीब 70 हजार जवानों में से 90 फीसद का टीकाकरण करा दिया गया है। उन्हीं को टीका नहीं लग पाया है जो अवकाश पर गए हैं। अवकाश से लौटने वालों को कैंप में सीधे प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। हर कैंप में अलग से आइसोलेशन बैरक बनाई गई हैं। बाहर से आने वाले जवानों को 14 दिन क्वारंटाइन में रहना पड़ता है।

बरती जा रही पूरी सतर्कता

जवानों को पूर्ण स्वस्थ होने के बाद टीका लगाकर ही उन्हें कैंप में प्रवेश दिया जा रहा है। कोरोना की पिछली लहर में बस्तर में करीब 400 जवान संक्रमित हुए थे। दंतेवाड़ा में एक सीआरपीएफ जवान की कोरोना से मौत भी हुई थी। पिछले साल की घटनाओं से सबक लेकर इस बार पूरी सतर्कता बरती जा रही है।

रोकी नहीं जा सकती है नक्सलियों से लड़ाई

पुलिस विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बस्तर में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई रोकी नहीं जा सकती। अगर रोका गया तो नक्सलियों को अवसर मिल जाएगा। पिछले तीन साल में नक्सलियों पर जो दबाव बना है उसे बनाए रखने के लिए आपरेशन जारी रखना जरूरी है। इसीलिए कोरोना के बीच भी आपरेशन की तैयारी की जा रही है।

कोरोना की पिछली लहर में मिली थी बढ़त

कोरोना की पिछली लहर में नक्सलियों को पीछे धकेलकर एक दर्जन से ज्यादा नए कैंप खोले गए। दंतेवाड़ा के चिकपाल, पोटाली, छिंदनार, करका व बोदली में नए कैंप खुले। सुकमा में बड़े शेट्टी, एलारमड़गू, मिनपा तथा बीजापुर में धरमारम, गलगम, बेचापाल आदि कैंप कोरोना काल में ही खोले गए। अब सुकमा जिले के करीगुंडम, चिमलीपेंटा, मोडकपल्ली आदि धुर नक्सल इलाकों में कैंप खोलने की तैयारी है।

ऑपरेशन और तेज करने की तैयारी

यह ऐसे इलाके हैं जो अब तक नक्सलियों के स्वतंत्र इलाके माने जाते थे। कोरोना आपदा में इन जगहों तक फोर्स पहुंची तो मुख्यधारा से कटे सैकड़ों गांवों तक सरकार की सीधी पहुंच बन जाएगी। बस्‍तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी कहते हैं कि कोरोना के चलते नक्सल अभियान नहीं रोका जाएगा। पिछली लहर में हमने अंदरूनी इलाकों में कई नए कैंप खोले थे। अब आपरेशन और तेज करने की तैयारी है।

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