छत्तीसगढ़: कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लगा पत्रकारों के साथ मारपीट का आरोप, पुलिस बनी तमाशबीन!

छत्तसीगढ़ के कांकेर जिले में अवैध खनन मामले में कुछ पत्रकारों द्वारा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की संलिप्तता स्टोरी करने पर पिटाई का मामला सामने आया है। एक पत्रकार ने कहा कि पुलिस को भी इसकी जानकरी दीलेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 11:45 AM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 12:03 PM (IST)
छत्तीसगढ़: कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लगा पत्रकारों के साथ मारपीट का आरोप, पुलिस बनी तमाशबीन!
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने की पत्रकारों की पिटाई।

रायपुर, एएनआइ। छत्तसीगढ़ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा कुछ पत्रकारो के साथ मारपीट का मामला सामना आया है। कांकेर जिले में हुई इस घटना के बारे में बात करते हुए एक पत्रकार ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस विधायक के गुंडे ने उन्हें और उनके साथी की पिटाई की क्योंकि वह अवैध रेत खनन में उनकी संलिप्तता पर स्टोरी कर रहे थे। इसके लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हे कई बार धमकी भी दी थी। पत्रकार ने आरोप लगाया कि पुलिस को धमकी की जानकारी होने के बाद भी उन्होंने कुछ नहीं किया।  

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पत्रकार कमल शुक्ला को स्थानीय लोग पीटते रहे। बताया जा रहा है कि पत्रकार कुछ अन्य पत्रकारों के साथ हुई मारमीट का विरोध कर रहे थे। इसी दौरान लोग उनके साथ मारपीट करने लगे। यही नहीं पत्रकार के साथ अभ्रद भाषा का भी इस्तेमाल किया। पत्रकार को कुछ चोटें आई  है।

गौरतलब है कि वर्ष 2018 में कमल शुक्ला के खिलाफ एक विवादित कार्टून को लेकर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। कई पत्र-पत्रिकाओं के साथ मिलकर वह बस्तर में पत्रकारों पर माओवादी हमलों के बारे स्टोरी कर चुके हैं। यही नहीं जंगल के कई इलाकों में माओवादियों के खिलाफ अभियान चला चुके हैं। पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कानून बनाए जाने को लेकर उन्होंने कई आंदोलनों का नेतृत्व भी किया है। 

दर्ज हुई शिकायत

रिपोर्ट के मुताबिक, पत्रकार कमल शुक्ला को सिर में गहरी चोट लगी है।उनकी शिकायत पर पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर ली है। पुलिस ने बताया कि अभियुक्तों की गिरफ्तारी जल्द होगी। बताया जा रहा है कि पत्रकार ने पहले नगर पालिक की खबर लिखी थी। उसके बाद नाराज कांग्रेसी पार्षदों ने उसकी पिटाई की थी। राज्य में हुए पत्रकार हमले के बाद विरोध तेज हो गया है। सोशल मीडिया पर भी लगातार कुछ पत्रकार इस मामले मे कार्रवाई करने की अपील कर रहे हैं। उधर मुख्यमंत्र की तरफ से इस मामले में कोई भी बयान नहीं आया है। 

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