बीजापुर के जंगलों में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़, मारा गया जनमिलिसिया कमांडर

बीजापुर के पुलिस अधीक्षक कमल लोचन कश्यप ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि जिला रिजर्व बल और जिला पुलिस के जवान कुटरू थाना क्षेत्र के जंगलों नक्सलियों की मौजूदगी की आशंका के मद्देनजर सर्चिंग पर निकले थे।

By Neel RajputEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 12:08 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 12:08 PM (IST)
बीजापुर के जंगलों में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़, मारा गया जनमिलिसिया कमांडर
मारे गए नक्सली कमांडर की पहचान संतोष पोडियम के रूप में हुई

रायपुर, जेएनएन। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के दरभा क्षेत्र के जंगलों में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ की खबर आ रही है। जानकारी के मुताबिक इस मुठभेड़ में जन मिलिशिया का एक कमांडर मारा गया है। यह मुठभेड़ आज सुबह कुटरू थाना में हुई है। मुठभेड़ के दौरान दोनों से काफी देर तक गोलीबारी चलती रही। इसके बाद नक्सली वहां से भाग खड़े हुए। घटना के बाद एरिया सर्चिंग के दौरान वर्दीधारी नक्सली कमांडर का शव और कुछ हथियार व दैनिक उपयोग सामग्री स्थल से बारामद की गई है। मारे गए नक्सली कमांडर की पहचान संतोष पोडियम के रूप में हुई है।

बीजापुर के पुलिस अधीक्षक कमल लोचन कश्यप ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि जिला रिजर्व बल और जिला पुलिस के जवान कुटरू थाना क्षेत्र के जंगलों नक्सलियों की मौजूदगी की आशंका के मद्देनजर सर्चिंग पर निकले थे। इसी दौरान वहां मौजूद नक्सलियों ने पुलिस पार्टी को अपनी ओर आता देख उनपर गोलीबारी शुरू कर दी। जवानाें ने जवाबी कार्रवाई शुरू की। इस बीच दोनों ओर से काफी देर तक गोलियां चलती रहीं। कुछ समय बाद अपने आप को कमजोर पाकर नक्सली वहां से पेड़ों की आढ़ लेते हुए भाग खड़े हुए। बाद में घटना स्थल का मुआयना करने पर नक्सली कमांडर संतोष पोडियम का शव बरामद हुआ। मारे गए जनमिलिसिया कमांडर पर एक लाख रुपये का ईनाम घोषित था।

घटनास्थल से रायफल, पिट्ठू, नक्सल सामग्री और दैनिक उपयोग का समान बरामद किया गया है। मारा गया नक्सली कमांडर एक एएसआई और रेंजर की हत्या समेत कुटरू और जांगला इलाके में हुई कई नक्सल वारदातों में शामिल रहा है।

मिले गायब हुए 11 बच्चे

बभनी और बीजापुर थाना क्षेत्र में गायब हुए 11 बच्चों को बरामद कर लिया गया है। इनको एक बस से तमिलनाडु ले जाया जा रहा था, जिन्हें पुलिस ने सूरजपुर में 10 दिसंबर को ही पकड़ लिया था। मामला संदिग्ध होने पर बच्चों को पुलिस ने जिले के बाल कल्याण समिति को सौंप दिया था और अब इन्हें सत्यापन कराते हुए घर भेज दिया गया है।

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