दावों से दूर छत्तीसगढ़ की हकीकत, सवा लाख करोड़ का समझौता और आया सिर्फ 649 करोड़ निवेश

छत्तीसगढ़ में उद्योग लगाने के लिए एमओयू करने वाले आधे से अधिक उद्योगपतियों ने काम शुरू करने से पहले ही हाथ खड़े कर दिए।

By Digpal SinghEdited By: Publish:Tue, 22 Jan 2019 11:42 AM (IST) Updated:Tue, 22 Jan 2019 12:14 PM (IST)
दावों से दूर छत्तीसगढ़ की हकीकत, सवा लाख करोड़ का समझौता और आया सिर्फ 649 करोड़ निवेश
दावों से दूर छत्तीसगढ़ की हकीकत, सवा लाख करोड़ का समझौता और आया सिर्फ 649 करोड़ निवेश

रायपुर, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ में 2012 में पहला ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया गया था। नया रायपुर (अब अटल नगर) में पूरे तामझाम के साथ हुए इस आयोजन पर लाखों रुपये खर्च किए गए। देश के कई बड़े उद्योगपतियों के साथ 10 देशों के राजदूत भी पहुंचे। दो तीन में 270 से अधिक एमओयू हुए।

एक लाख 23 हजार 953 करोड़ पूंजी निवेश की संभावना के साथ छह लाख लोगों को प्रत्यक्ष और आठ लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने का दावा किया गया। एमओयू करने वाले आधे से अधिक उद्योगपतियों ने काम शुरू करने से पहले ही हाथ खड़े कर दिए। अभी केवल 134 एमओयू फाइलों में जीवित हैं। केवल 31 एमओयू पर काम हुआ है। इनमें से भी आधे अभी अंडर कंस्ट्रक्शन हैं।

हर वर्ष विदेश दौरे, लेकिन निवेश जीरो

पूर्ववर्ती सरकार के मुखिया, मंत्री और नौकरशाह निवेशकों को आमंत्रित करने लगभग हर वर्ष विदेश दौरे पर जाते थे। पिछले वर्ष तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह अफसरों के साथ ऑस्ट्रेलिया गए थे। लौटे तो वहां से बड़ा निवेश आने की बात कही गई। इससे पहले जापान के दौरे पर तत्कालीन सरकार ने वहां 25 से ज्यादा कंपनियों के साथ छत्तीसगढ़ में आइटी, रक्षा उपकरण, ऊर्जा, आटोमोटिव, विद्युत मोटर्स, इलेक्ट्रानिक्स, स्मार्ट सिटी जैसे कई क्षेत्रों में निवेश पर चर्चा की।

सुंग ह टेलीकॉम कंपनी के साथ छत्तीसगढ़ में 120 करोड़ का पूंजीनिवेश का करार हुआ। वहीं, चीन यात्रा में आइटी, बीपीओ सहित अन्य सेक्टर के लिए 16 हजार कराड़ रुपये के एमओयू हुए थे। छत्तीसगढ़ उद्योग महासंघ के अध्यक्ष महेश कक्कड़ कहते हैं कि विदेशी निवेश की बात तो बहुत हुई, लेकिन मेरी जानकारी में भी छत्तीसगढ़ में किसी भी विदेश कंपनी ने प्रोजेक्ट शुरू नहीं किया है।

शामिल हुई थीं देश की नामी कंपनियां

इन्वेस्टर्स मीट गोदरेज ग्रुप के आदि गोदरेज, इमामी से आरएस गोयनका, एस्सार के प्रशांत रुइया, लाफार्ज, वीसा ग्रुप, हिन्दुस्तान कॉपर, एनटीपीसी, सेल और सीआइआइ समेत देश की कई बड़ी कंपनियां शामिल हुई थीं।

10 देशों के प्रतिनिधि भी

मीट में यूएस के काउंसलर, रसियन डिप्टी काउंसलर, नाइजर, कजाकिस्तान, सल्वाडोर, त्रिनीडाड टोबेको, अर्जीटिना, लिरिकोकॉन, कोस्टारिका व वेनेजुएला के राजदूत भी आए थे।

दावे और जमीनी हकीकत में अंतर

निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए सरकार राज्य में बेहतर अद्योसंरचना और बेहतर औद्योगिक महौल होने का दावा करती रही है, लेकिन हकीकत इससे अलग ही है। उरला इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष विवेक गुप्ता कहते हैं कि निवेश के जितने दावे किए गए, वास्तव में उतने उद्योग आए नहीं। हालांकि छत्तीसगढ़ में उद्योग के लिए पूरी संभावना है। उद्योग के लिए जो भी कुछ चाहिए वह सब यहां हैं, लेकिन नियम- कानून और प्रक्रिया बेहद जटिल हैं। पिछली सरकार ने उद्योगों के लिए एकल खिड़की प्रणाली लागू करने का दावा किया था, इसके बावजूद चक्कर लगाना पड़ता था। उद्योगों को बेहतर माहौल मिले तो अभी छत्तीसगढ़ में अपार संभावनाएं हैं। राज्य की नई सरकार ने सरकारी खरीद जैम पोटर्ल की बजाय सीएसआइडीसी से करने का फैसला करके स्थानीय उद्योगों के पक्ष में एक अच्छा फैसला किया है।

बिजली के लिए हुए 149 एमओयू

छत्तीसगढ़ में निवेश की शुरुआत बिजली सेक्टर से हुई। राज्य बनने के बाद सबसे निवेश बिजली सेक्टर में आए। शुरुआती वर्षों में पॉवर प्लांट के लिए 149 एमओयू हुए। इनमें से करीब तीन दर्जन ही काम या उत्पादन शुरू कर पाए। बाकी बचे ज्यादातर एमओयू निरस्त कर दिए गए हैं।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट 2012 272 कुल एमओयू हुए 1 लाख 23 हजार 953 करोड़ पूंजी निवेश की संभावना थी। 134 एमओयू अभी प्रभावी हैं। 54551 करोड़ पूंजी निवेश की संभावना। 31 उत्पादनरत व निर्माणाधीन। 649 करोड़ सृजित स्थाई पूंजी निवेश

छत्तीसगढ़ का उत्पादन में योगदान 3.45 लाख टन एल्यूमिनियम का वार्षिक उत्पादन। 19.58 लाख टन सीमेंट का होता है वार्षिक उत्पादन। 15 लाख टन स्टील का होता है वार्षिक उत्पाद। 20 हजार मेगावॉट से अधिक का होता है बिजली उत्पादन। 1425.14 लाख टन कोयला का उत्पादन 2017-18 में। 348.56 लाख टन आयरन ओर का उत्पादन 2017-18 में। 315.54 लाख टन लाइम स्टोन का उत्पादन 2017-18 में।

कोर सेक्टर में एमओयू 154 कुल एमओयू 40 से अधिक निरस्त 114 एमओयू जीवंत 64 उत्पादन प्रारंभ व विस्तार परियोजनाएं

छत्तीसगढ़ में उद्योगों की स्थिति - राज्य गठन से अब तक स्थापित उद्योग 19991 सूक्ष्म व लघु उद्योगों की हुई स्थापना। 4258.27 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश हुआ। 194 वृहद, मेगा व अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्ट्स की स्थापना। 62814.86 करोड़ का पूंजी निवेश हुआ।

औद्योगिक क्षेत्र 26 औद्योगिक क्षेत्र हैं उद्योग संचालनालय के अधीन। राजनांदगांव, दुर्ग, बालोद, रायगढ़, कोरबा, जांजगीर-चांपा, सरगुजा, कोरिया, जगदलपुर, जशपुर, सूरजपुर, कोंडागांव और नारायणपुर। 22 औद्योगिक क्षेत्र हैं सीएसआइडीसी के अधीन। रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, महासमुंद, कबीरधाम, सरगुजा, जांजगीर-चांपा, दंतेवाड़ा, राजनांदगांव, सूरजपुर, कांकेर व भाटपारा। 03 विशिष्ट औद्योगिक पार्क मेटल पार्क रावांभाटा रायपुर इंजीनियरिंग पार्क भिलाई दुर्ग फूड पार्क ग्राम बंजारी बगौद धमतरी निर्माणाधीन - इलेक्ट्रानिक मेन्युफेक्चरिंग क्लस्टर नया रायपुर। 01 विशेष आर्थिक प्रक्षेत्र

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