भीमा मंडावी हत्याकांड : NIA स्पेशल कोर्ट के सामने पेश हुआ मुख्य आरोपी, भेजा गया तीन दिन की रिमांड पर

सोमवार को गिरफ्तार हरिपाल सिंह चौहान को एनआइए द्वारा जगदलपुर में विशेष अदालत के सामने पेश किया गया जिसके बाद उसे तीन दिन की एनआइए रिमांड पर भेज दिया गया।

By Neel RajputEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 07:58 AM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 07:58 AM (IST)
भीमा मंडावी हत्याकांड : NIA स्पेशल कोर्ट के सामने पेश हुआ मुख्य आरोपी, भेजा गया तीन दिन की रिमांड पर
भीमा मंडावी हत्याकांड : NIA स्पेशल कोर्ट के सामने पेश हुआ मुख्य आरोपी, भेजा गया तीन दिन की रिमांड पर

जगदलपुर, एएनआइ। मंगलवार को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा से भाजपा विधायक भीमा मंडावी की हत्या मामले में मुख्य आरोपी को एनआइए की स्पेशल कोर्ट (जगदलपुर) के सामने पेश किया गया। सोमवार को गिरफ्तार मुख्य आरोपी हरिपाल सिंह चौहान को एनआइए द्वारा जगदलपुर में विशेष अदालत के सामने पेश किया गया, जिसके बाद उसे तीन दिन के लिए एनआइए की रिमांड पर भेज दिया गया। बता दें कि नौ अप्रैल, 2019 को भाजपा विधायक भीमा मंडावी की हत्या कर दी गई थी।

इस मामले में पिछले महीने की 30 तारीख को तीन आरोपी लक्ष्मण जयसवाल, रमेश कुमार कश्यप और कुमारी लिंग ताती को गिरफ्तार किया गया था। जांच में पता चला कि नकुलनार में एक किराने की दुकान चलाने वाले लक्ष्मण जायसवाल ने सीपीआई (माओवादी) कैडरों द्वारा किए गए IED विस्फोट के लिए बिजली के तार, विस्फोटक पदार्थ और अन्य सामान मुहैया कराया था। वहीं, अन्य आरोपी काकड़ी गांव के पूर्व-सरपंच रमेश कुमार कश्यप और कुमारी लिंग ताती पर घटना की प्लानिंग का आरोप है।

विधायक के साथ सीएएफ के चार कर्मी भी हुए थे शहीद

9 अप्रैल, 2019 को भाजपा विधायक मंडावी की हत्या कर दी गई थी। एक प्रेस रिलीज के मुताबिक, "विधायक की गाड़ी पर IED ब्लास्ट किया गया था और दंतेवाड़ा जिले के श्यामगिरी गांव के पास CPI (माओवादी) कैडरों द्वारा गाड़ी पर अंधाधुंध गोलीबारी की गई। इसके परिणामस्वरूप जिले के तत्कालीन भाजपा विधायक भीमा मंडावी और छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (CAF) के चार पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इसके अलावा शहीद पुलिस कर्मियों के हथियार भी सीपीआई (माओवादी) कैडरों द्वारा लूट लिए गए थे।"

मामले की जांच को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच हुआ था टकराव

मामले की जांच को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच टकराव भी सामने आया था। जहां राज्य सरकार ने इसके लिए स्थानीय स्तर पर एसआइटी टीम का गठन किया था, वहीं 17 मई, 2019 को केंद्र की तरफ से एनआइए जांच कराने की घोषणा की गई थी। इसके बाद राज्य सरकार एनआइए जांच के खिलाफ कोर्ट पहुंची थी। हालांकि इस दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार की एसआइटी टीम को खारिज कर दिया था।

chat bot
आपका साथी