Rumours About Vaccines: वैक्सीन पर अफवाहें बर्दाश्त नहीं, गलत सूचना फैलाने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने पिछले हफ्ते राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को इस संबंध में पत्र लिखा है। इसमें राज्यों को बताया गया है कि आपदा प्रबंधन कानून और आईपीसी की धाराओं के तहत ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जा सकती है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 04:19 PM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 06:25 PM (IST)
Rumours About Vaccines: वैक्सीन पर अफवाहें बर्दाश्त नहीं, गलत सूचना फैलाने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई
भारत में अब तक 16 लाख से ज्यादा लोगों को टीका लग चुका है। (फोटो एजेंसी)

नई दिल्ली, प्रेट्र। कोविड-19 टीकों (वैक्सीन) की प्रभावशीलता पर अफवाहों का सामना कर रही केंद्र ने राज्यों को इस तरह की भ्रामक सूचनाओं के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए कहा है। केंद्र ने राज्यों को सलाह दी है कि वे गलत सूचना फैलाने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करें।केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में इस पर भी जोर दिया कि देश के राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण ने पाया है कि दोनों टीके, सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया का 'कोविशील्ड' और भारत बायोटेक लिमिटेड द्वारा निर्मित 'कोवैक्सीन' सुरक्षित हैं और रोग प्रतिरोधी क्षमता का निर्माण करते हैं।

केंद्र ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन के साथ मिलकर 16 जनवरी से देशभर में दोनों टीकों की सहायता से कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू किया है।केंद्रीय गृह सचिव ने कहा कि कोविड-19 टीकाकरण पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह द्वारा तय की गई प्राथमिकता के अनुसार स्वास्थ्यकíमयों और अग्रिम मोर्चे पर डटे कíमयों को टीके लगाए जा रहे हैं और बाद में प्राथमिकता समूह दो और तीन को टीके लगाए जाएंगे। पत्र में कहा गया है, 'मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि देश में राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण ने दोनों टीकों को सुरक्षित और प्रतिरोधी क्षमता का निर्माण करने वाला पाया है।

निराधार और भ्रामक अफवाहें 

यह रिपोर्ट सामने आई है कि निराधार और भ्रामक अफवाहें इंटरनेट और अन्य मीडिया पर प्रसारित हो रही हैं, जिनमें इन टीकों की सुरक्षा और प्रभावशीलता के बारे में संदेह पैदा किया जा रहा है।' पत्र में कहा गया है, 'विशेष रूप से निहित स्वार्थो से इस तरह की अफवाहें फैलाने से आम लोगों के बीच अवांछित संदेह उत्पन्न हो सकता है। इसलिए, टीके की सुरक्षा और रोग प्रतिरोधी क्षमता से संबंधित सभी प्रकार की निराधार अफवाहों पर रोक लगाने की आवश्यकता है।' भल्ला ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से आग्रह किया कि वे इस तरह की अफवाहों के प्रसार पर रोक लगाने की कोई उपयुक्त व्यवस्था करें।

इन प्रावधानों के तहत हो सकती है कार्रवाई

भल्ला ने मुख्य सचिवों को राज्य सरकार के तहत सभी संबंधित प्राधिकारियों को निर्देश देने के लिए कहा कि वे कोविड-19 टीकों के बारे में 'गलत सूचनाएं' रोकने के साथ ही तथ्यात्मक संदेशों को तुरंत प्रसारित करने के लिए आवश्यक उपाय करें।' उन्होंने कहा, 'इसके अलावा ऐसी गतिविधियों में लिप्त पाए गए व्यक्ति या संस्था के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 और भारतीय दंड संहिता, 1860 के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।'

पीएम मोदी ने भी लोगों से की अपील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कोरोना वैक्सीन को लेकर झूठ फैलाने वाले लोगों पर निशाना साधा है। पीएम ने कहा कि मैं आपसे अपील करता हूं कि आगे आएं और कोरोना वैक्सीन को लेकर गरीबों और आम लोगों के बीच सही जानकारी फैलाएं। हमें अफवाह फैलाने वाले हर सिस्टम को हराना। पीएम ने कहा था कि कोरोना वैक्‍सीनेशन पर झूठ और अफवाह फैलाने वालों को सही सूचना के जरिए शिकस्त दी जा सकती है। इसलिए आप सभी लोग ऐसे लोगों को सही जानकारी दें। देश के वैज्ञानिकों ने कोविड-19 का टीका बनाया और अपना कर्तव्य पूरा किया। लेकिन अब वैक्सीन को लेकर झूठ फैलाया जा रहा है। ऐसे नेटवर्क को सही जानकारी देकर ही हराया जा सकता है।

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