Chandrayaan-3: चांद पर लैंडिंग के लिए फिर से तैयार ISRO, अब 2020 में हासिल होगा लक्ष्य!

सूत्रों का कहना है कि इसरो द्वारा चंद्रयान 3 को चंद्रमा पर भेजने की समयसीमा नवंबर 2020 तय की गई है।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Thu, 14 Nov 2019 10:56 AM (IST) Updated:Thu, 14 Nov 2019 12:59 PM (IST)
Chandrayaan-3: चांद पर लैंडिंग के लिए फिर से तैयार ISRO, अब 2020 में हासिल होगा लक्ष्य!
Chandrayaan-3: चांद पर लैंडिंग के लिए फिर से तैयार ISRO, अब 2020 में हासिल होगा लक्ष्य!

नई दिल्ली, एजेंसी। भारत के ऐतिहासिक चंद्र मिशन Chandrayaan 2 के बारे में किसे नहीं पता होगा। मालूम हो कि 22 जुलाई 2019 को लॉन्च किए गए चंद्रयान-2 मिशन के तहत भारत को चांद की दक्षिणी सतह पर लैंडर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग करानी थी। हालांकि, अंतिम क्षणों में लैंडर की रफ्तार नियंत्रित न हो पाने के कारण वह रास्ता भटक गया और चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की जगह उसकी हार्ड लैडिंग हुई। वह भी अपने निर्धारित स्थान से करीब 600 मीटर दूर। इसके बाद लैंडर से न तो संपर्क स्थापित किया जा सका और न ही उसने वहां कुछ काम किया। बहरहाल अब इसे लेकर दुखी होने की जरूरत नहीं है, बल्कि फिर से दोबारा महनत करने का सोचा है ISRO(भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) ने। सूत्रों का कहना है कि इसरो अब जल्द चंद्रयान 3 को चंद्रमा की तरफ रवाना कर सकता है।

चंद्रयान 3 मिशन में केवल लैंडर और रोवर शामिल किया जाएगा

सूत्रों का कहना है कि इसरो द्वारा चंद्रयान 3 को चंद्रमा पर भेजने की समयसीमा नवंबर 2020 तय की गई है। इसके लिए इसरो ने कई समितियां भी बनाई हैं। इसरो ने कई समितियों, जिनमें एक समग्र पैनल और तीन उप-समितियों का गठन किया है। वहीं, इसे लेकर अक्टूबर से कम से कम चार उच्च-स्तरीय बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं। बताया गया कि चंद्रयान 3 मिशन में केवल लैंडर और रोवर शामिल किया जाएगा, क्योंकि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर अब भी अच्छे से काम कर रहा है और चांद की कक्षा में परिक्रमा करते हुए उसकी हाई रिजोल्यूशन तस्वीरें अपने कैमरे में कैद कर इसरो को भेज रहा है।

हाल ही में चंद्रयान 3 के लिए बनाई गई कमेटी ने मंगलवार को बैठक की। इसमें सभी सब समितियों की सिफारिशों पर चर्चा की गई। संचालन शक्ति, सेंसर, इंजिनियरिंग और नेविगेशन पर गौर किया गया। एक वैज्ञानिक ने कहा कि काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। अब तक इसरो ने मिशन के 10 महत्वपूर्ण पहलुओं को देखा है, जिसमें लैंडिंग साइट, नेविगेशन और लोकल नेविगेशन शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि पांच अक्तूबर को निर्देश देते हुए एक आधिकारिक नोटिस जारी किया गया है।

एक अन्य वैज्ञानिक ने कहा कि नए मिशन के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता 'लैंडर के पैर मजबूत करना' है। सूत्रों ने कहा कि इसरो एक नया लैंडर और एक रोवर का निर्माण करेगा। लैंडर पर पेलोड की संख्या पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।

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