केंद्र ने रेलवे को दिए विभिन्न निकायों के एकीकरण व ढांचागत सुधार के निर्देश, जानें- प्रमुख सिफारिशें
कैबिनेट सचिवालय ने रेल मंत्रालय को विभिन्न सिफारिशों पर अमल करने के निर्देश दिए हैं जिनमें विभिन्न रेलवे भर्ती बोर्डो का नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के तहत एकीकरण और रेलवे के विभिन्न संस्थानों का आपस में विलय शामिल है।
नई दिल्ली, एएनआइ। कैबिनेट सचिवालय ने रेल मंत्रालय को विभिन्न सिफारिशों पर अमल करने के निर्देश दिए हैं जिनमें विभिन्न रेलवे भर्ती बोर्डो का नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के तहत एकीकरण और रेलवे के विभिन्न संस्थानों का आपस में विलय शामिल है। ये सिफारिशें वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल की रेल मंत्रालय के तहत सरकारी निकायों को युक्तिसंगत बनाने संबंधी एक रिपोर्ट का हिस्सा हैं।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह रिपोर्ट पिछले हफ्ते ही उन्हें सौंपी गई थी और इसे अब सभी बड़े विभागों को विचार के लिए भेजा गया है। उन्होंने कहा कि इन सिफारिशों को रेलवे बोर्ड के सभी सदस्यों और संबंधित संस्थानों या विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा की आवश्यकता है। प्रस्ताव व्यापक हैं और केवल रेलवे के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि इसमें सभी 125 रेलवे अस्पतालों को अपग्रेड करने, रेलवे स्कूलों को केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) के तहत लाने की भी बात कही गई है। इस कदम से स्कूलों को चलाने में रेलवे प्रबंधन के समय में कमी आएगी।
प्रमुख सिफारिशें :- सभी रेलवे भर्ती बोर्डो का नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के तहत एकीकरण किया जाए। सेंटर फार रेलवे इन्फारमेशन सिस्टम्स (क्रिस) को बंद करके आइआरसीटीसी को इसके सभी काम सौंप दिए जाएं। रेलटेल का आइआरसीटीसी में विलय कर दिया जाए। रेल विकास निगम लिमिटेड का इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन लिमिटेड में विलय कर दिया जाए। ब्रेथवेट एंड कंपनी लिमिटेड का रेल इंडिया टेक्नीकल एंड इकोनामिक सर्विस (राइट्स) अधिग्रहण करे। रेलवे स्कूलों के संचालन में रेल प्रबंधन को काफी समय देना पड़ता है। इन स्कूलों को केंद्रीय विद्यालय संगठन के तहत लाया जाए। रेलवे अस्पतालों और स्वास्थ्य इकाइयों को संस्थागत तंत्र के जरिये अपग्रेड किया जाए। इंडियन रेलवे वेलफेयर आर्गनाइजेशन में रेलवे बोर्ड और रेल मंत्रालय अपनी सीधी भागीदारी बंद करें। इंडियन रेलवे आर्गनाइजेशन आफ अल्टरनेट फ्यूल, सेंट्रल आर्गनाइजेशन फार माडर्नाइजेशन आफ वर्कशाप्स और सेंट्रल आर्गनाइजेशन फार रेलवे इलेक्ट्रीफिकेशन की अब जरूरत नहीं।