सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद NCLT व ITAT ट्रिब्यूनल में नियुक्तियों को केंद्र की मंजूरी

सुप्रीम कोर्ट ने छह सितंबर को केंद्र द्वारा ट्रिब्यूनल के सदस्यों को नियुक्त नहीं करने के तरीके पर असंतोष जताते हुए फटकार लगाई थी। इसके पांच दिन बाद केंद्र ने नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल और इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल में न्यायिक और तकनीकी सदस्यों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी।

By Monika MinalEdited By: Publish:Sun, 12 Sep 2021 04:54 AM (IST) Updated:Sun, 12 Sep 2021 05:30 AM (IST)
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद NCLT व ITAT ट्रिब्यूनल में नियुक्तियों को केंद्र की मंजूरी
कोर्ट की चेतावनी के पांच दिन बाद केंद्र ने नियुक्तियों को दी हरी झंडी

नई दिल्ली, एएनआइ।  ट्रिब्यूनल रिफा‌र्म्स एक्ट लागू करने के तरीके पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नाराजगी जताने के पांच दिन बाद केंद्र सरकार ने शनिवार को नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) और इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल (आइटीएटी) में न्यायिक और तकनीकी सदस्यों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी।

सुप्रीम कोर्ट ने छह सितंबर को, केंद्र द्वारा ट्रिब्यूनल के सदस्यों को नियुक्त नहीं करने के तरीके पर असंतोष जताते हुए फटकार लगाई थी। चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने कहा था कि आप (केंद्र सरकार) कोर्ट के धैर्य का परीक्षण कर रहे हैं, हमारे निर्णयों का कोई सम्मान नहीं है। इस पीठ में जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भी शामिल हैं।

केंद्र ने शनिवार को एनसीएलटी में 18 सदस्यों की नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इनमें आठ न्यायिक सदस्य और दस तकनीकी सदस्य हैं। आठ न्यायिक सदस्यों में जस्टिस तेलप्रोलू रजनी (जज, आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट), जस्टिस प्रदीप नरहरि देशमुख (पूर्व जज बांबे हाई कोर्ट), जस्टिस एस रामाथिलगम (पूर्व जज, मद्रास हाई कोर्ट), धरमिंदर सिंह (पीठ अधिकारी, डीआरटी -3 दिल्ली), हरनाम सिंह ठाकुर (रिटायर रजिस्ट्रार जनरल, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट), पी मोहन राज (रिटायर जिला जज, सलेम, तमिलनाडु), रोहित कपूर (वकील) और दीप चंद्र जोशी (जिला जज) हैं।

केंद्र ने कहा है कि ये नियुक्तियां पांच साल की अवधि के लिए या जब तक ये सदस्य पैंसठ वर्ष की आयु प्राप्त नहीं कर लेते, जो भी पहले हो, तब तक के लिए की गई हैं। केंद्र ने आइटीएटी में 13 नए सदस्यों की भी नियुक्ति की है। इनमें छह न्यायिक सदस्य और सात लेखाकार सदस्य हैं। ये नियुक्तियां चार साल की अवधि के लिए या जब तक ये सदस्य 67 वर्ष की आयु प्राप्त नहीं कर लेते, जो भी पहले हो, तब तक के लिए हैं।

न्यायिक सदस्यों में संजय शर्मा (वकील), एस सीतालक्ष्मी, (वकील), शातिन गोयल (एडीशनल डिस्टि्रक्ट एंड सेशन जज), अनुभव शर्मा (एडीशनल डिस्टि्रक्ट एंड सेशन जज), टीआर सेंथिल कुमार (वकील) और मनोमोहन दास (स्टेट बैंक के ला आफीसर) हैं। सुप्रीम कोर्ट कांग्रेस नेता और सांसद जयराम रमेश और अन्य द्वारा ट्रिब्यूनल रिफा‌र्म्स एक्ट, 2021 के विभिन्न प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर छह सितंबर को सुनवाई कर रहा था।

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