नए नियमों के तहत ट्विटर ने भारत में नियुक्त किए अधिकारी, केंद्र सरकार ने दी जानकारी

केंद्र सरकार ने हलफनामा दाखिल कर दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि ट्विटर ने नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों का अनुपालन करते हुए मुख्य अनुपालन अधिकारी (सीसीओ) निवासी शिकायत अधिकारी (आरजीओ) और नोडल संपर्क व्यक्ति की नियुक्ति कर दी है।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 08:17 AM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 08:17 AM (IST)
नए नियमों के तहत ट्विटर ने भारत में नियुक्त किए अधिकारी, केंद्र सरकार ने दी जानकारी
नए नियमों के तहत ट्विटर ने भारत में नियुक्त किए अधिकारी।(फोटो: फाइल)

नई दिल्ली, जासं। केंद्र सरकार ने हलफनामा दाखिल कर दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि ट्विटर ने नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों का अनुपालन करते हुए मुख्य अनुपालन अधिकारी (सीसीओ), निवासी शिकायत अधिकारी (आरजीओ) और नोडल संपर्क व्यक्ति की नियुक्ति कर दी है। इनकी नियुक्ति कंपनी के कर्मचारियों के तौर पर की गई है।हाई कोर्ट में दायर एक याचिका में आरोप लगाया गया था कि ट्विटर नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों का अनुपालन नहीं कर रहा है। इस पर ट्विटर ने हलफनामा दायर किया था। गत 10 अगस्त को हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को ट्विटर के हलफनामे के जवाब में एक संक्षिप्त हलफनामा दायर करने के निर्देश दिए थे। इस पर इलेक्ट्रानिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने संक्षिप्त हलफनामे में बताया कि ट्विटर ने नियुक्त किए गए तीनों कर्मचारियों के नाम उनको उपलब्ध कराए हैं। साथ ही बताया है कि इनकी नौकरी चार अगस्त 2021 को शुरू हो चुकी है। साक्ष्य के तौर पर ट्विटर ने अनुबंध की प्रति भी मुहैया कराई है।

प्रतिस्पर्धा आयोग ने जांच रिपोर्ट लीक होने के आरोपों को नकारा

गूगल के एंड्रायड स्मार्टफोन समझौते के मामले में चल रही गोपनीय जांच से संबंधित जानकारी मीडिया में लीक होने के आरोप को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआइ) ने बेबुनियाद बताया है। इस मामले में दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सीसीआइ ने न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ के समक्ष अपनी दलीलें रखीं।सीसीआइ की तरफ से अतिरिक्त सालिसिटर जनरल एन वेंकटरमन ने कहा कि गूगल अपने खिलाफ की गई कार्रवाई को विफल करने की कोशिश कर रहा है। उसके हलफनामे में यह कहीं नहीं बताया गया कि ऐसा कब और कैसे हुआ। वेंकटरमन ने कहा कि सीसीआइ गोपनीयता बनाए रखने का कानूनी दायित्व निभा रहा है और उससे कोई चूक नहीं हुई है। बताया कि गूगल के एक अधिकारी ने सीसीआइ के अध्यक्ष को भेजे पत्र में लिखा था कि हम आप पर मुकदमा करेंगे। इस पर पीठ ने कहा कि गूगल का सीधे सीसीआइ से संपर्क करना उचित नहीं है। अगर वह देश में काम करना चाहते हैं, तो उन्हें कानून जानना होगा। अगर उन्हें अपने ऊपर पूरा भरोसा है, तो सीसीआइ के रजिस्ट्रार को पत्र लिखना चाहिए था।गूगल की तरफ से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु ¨सघवी ने कहा कि लीक हुई जानकारी केवल महानिदेशक के पास थी, जो इसे आगे सीसीआइ को देते हैं। इनके अलावा यह जानकारी किसी के पास नहीं होती। हम इस बात से ¨चतित हैं कि गोपनीय जानकारी मीडिया में लीक हो गई। अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी। बता दें कि गूगल ने गुरुवार को सीसीआइ के खिलाफ गोपनीय जांच रिपोर्ट के लीक होने को लेकर याचिका दायर की थी।

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