Corona Vaccine: केंद्र सरकार ने राज्यों को अब तक कोरोना रोधी वैक्सीन की 26 करोड़ से ज्यादा डोज दिए
केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अब तक कोरोना रोधी वैक्सीन की कुल 26 करोड़ से ज्यादा डोज उपलब्ध कराए हैं। अगले तीन दिन के भीतर इन्हें चार लाख डोज और मिल जाएंगी। राज्यों के पास वैक्सीन की 1.53 करोड़ से अधिक डोज उपलब्ध हैं।
नई दिल्ली, एजेंसियां। केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अब तक कोरोना रोधी वैक्सीन की कुल 26 करोड़ से ज्यादा डोज उपलब्ध कराए हैं। अगले तीन दिन के भीतर इन्हें चार लाख डोज और मिल जाएंगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को अब तक वैक्सीन की 26 करोड़ 64 लाख 84 हजार 350 डोज दिए
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अब तक वैक्सीन की 26 करोड़ 64 लाख 84 हजार 350 डोज उपलब्ध कराई गई हैं। केंद्र सरकार की तरफ से ये डोज नि:शुल्क और राज्यों द्वारा सीधी खरीद प्रक्रिया के तहत मुहैया कराई गई हैं। इनमें से 25 करोड़ से अधिक डोज का खपत हुआ है।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास वैक्सीन की 1.53 करोड़ से अधिक डोज उपलब्ध
मंत्रालय के मुताबिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास अभी वैक्सीन की 1.53 करोड़ से अधिक डोज उपलब्ध हैं और तीन दिन के भीतर उन्हें 4,48,760 डोज और मिल जाएंगी।
तीसरी लहर में बच्चों को ज्यादा खतरा, वैक्सीन स्पूतनिक-वी के नैजल स्प्रे का परीक्षण शुरू
तीसरी लहर में बच्चों को ज्यादा खतरे की आशंका के बीच रूस ने 8 से 12 साल तक के बच्चों के लिए अपनी कोरोना रोधी वैक्सीन स्पूतनिक-वी के नैजल स्प्रे का परीक्षण शुरू कर दिया है। इससे बच्चों की नाक में दवा का स्प्रे कर उन्हें डोज दिया जाएगा।
बच्चों के लिए 15 सितंबर तक तैयार हो जाएगा कोरोना रोधी वैक्सीन स्पूतनिक-वी का नैजल स्प्रे
रूस के गमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी के प्रमुख अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने कहा कि बच्चों के लिए वह अपनी कोविड-19 रोधी वैक्सीन का नैजल स्प्रे तैयार कर रहा है। यह 15 सितंबर तक तैयार हो जाएगा। बच्चों के लिए स्प्रे में एक ही वैक्सीन का इस्तेमाल किया जाता है 'केवल सुई के बजाय, एक नोजल लगाया जाता है'।
नैजल स्प्रे का परीक्षण कर रही टीम ने कोई दुष्प्रभाव नहीं पाया
इस नैजल स्प्रे का परीक्षण कर रही टीम ने 8 से 12 साल के बच्चों के बीच इसका परीक्षण किया और उसका उनमें कोई दुष्प्रभाव नहीं पाया। इसके बच्चों के शरीर के तापमान में भी बढ़ोतरी नहीं देखी गई। गिंट्सबर्ग ने कहा कि हम हमारी वैक्सीन को नाक के जरिए इन छोटे रोगियों को दे रहे हैं। हालांकि परीक्षण में कितने बच्चों को शामिल किया गया, इस बारे में उन्होंने कोई ज्यादा जानकारी नहीं दी।