टीवी चैनलों से जुड़ी शिकायतों के निस्तारण को मिला कानूनी तंत्र, जारी की गई अधिसूचना

केंद्र सरकार ने गुरुवार को केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम 1994 में संशोधन करते हुए एक अधिसूचना जारी की है। इसमें टेलीविजन चैनलों द्वारा प्रसारित सामग्री से संबंधित नागरिकों की शिकायतों और शिकायतों के निवारण के लिए एक कानूनी तंत्र उपलब्ध कराया गया।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 08:20 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 10:39 PM (IST)
टीवी चैनलों से जुड़ी शिकायतों के निस्तारण को मिला कानूनी तंत्र, जारी की गई अधिसूचना
टेलीविजन चैनलों द्वारा प्रसारित सामग्री से संबंधित नागरिकों की शिकायत

नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र ने केबल टेलीविजन नेटवर्क नियमों में संशोधन किया है। इसका उद्देश्य टीवी चैनलों पर प्रसारित होने वाली सामग्री से संबंधित शिकायतों के निस्तारण को पारदर्शी वैधानिक तंत्र प्रदान करना है, जिसका लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने गुरुवार को केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम-2021 की अधिसूचना जारी की है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने ट्वीट किया, 'सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम-1994 में संशोधन करके टीवी चैनलों पर दिखाए जाने वाले कार्यक्रमों के संबंध में लोगों की शिकायतों का निस्तारण करने के लिए वैधानिक तंत्र विकसित किया है। मंत्रालय ने सीटीएन नियमों के तहत टीवी चैनलों की वैधानिक संस्था को भी मान्यता देने का निर्णय लिया है।'

वर्तमान में नियमों के तहत कार्यक्रम और विज्ञापनों के लिए संहिताओं के उल्लंघन से संबंधित नागरिकों की शिकायतों को दूर करने के लिए एक अंतर मंत्रालयी समिति के माध्यम से एक संस्थागत तंत्र है। इसी तरह विभिन्न प्रसारकों ने भी शिकायतों के समाधान के लिए अपने आंतरिक स्व नियामक तंत्र को विकसित किया है। इसके बाद भी शिकायतों के निवारण ढांचे को और सुदृढ़ करने के लिए एक वैधानिक तंत्र बनाने की आवश्यकता महसूस की गई। कुछ प्रसारकों ने अपने संघों और निकायों को कानूनी मान्यता देने का भी अनुरोध किया था।

The @MIB_India has by amending the Cable Television Network Rules, 1994, developed a statutory mechanism to redress citizens' grievances & complaints against programmes of TV Channels.

The @MIB_India has also decided to recognize Statutory Bodies of TV channels under CTN Rules. pic.twitter.com/3Uj1ryz8ob

— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) June 17, 2021

सर्वोच्च न्यायालय ने एक मामले में दिए गए आदेश में केंद्र सरकार द्वारा स्थापित शिकायत निवारण के मौजूदा तंत्र पर संतोष व्यक्त करते हुए शिकायत निवारण तंत्र को औपचारिक रूप देने के लिए उचित नियम बनाने की सलाह दी थी। उपरोक्त पृष्ठभूमि में इस वैधानिक तंत्र को प्रदान करने के लिए केबल टेलीविजन नेटवर्क नियमों में संशोधन किया गया है, जो पारदर्शी होगा और नागरिकों को लाभान्वित करेगा। वहीं, प्रसारकों के स्व-नियामक निकाय केंद्र सरकार के पास पंजीकृत होंगे।

वर्तमान में 900 से अधिक टेलीविजन चैनल हैं, जिन्हें सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा अनुमति दी गई है। सभी चैनलों को केबल टेलीविजन नेटवर्क नियमों के तहत निर्धारित कार्यक्रम और विज्ञापन कोड का पालन करना आवश्यक है। उपरोक्त अधिसूचना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह प्रसारकों और उनके स्व-नियामक निकायों पर जवाबदेही और जिम्मेदारी रखते हुए शिकायतों के निवारण के लिए एक मजबूत संस्थागत प्रणाली का रास्ता आगे बढ़ाती है।

ट्राई ने की टीवी चैनल सेलेक्टर वेबसाइट की शुरुआत

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने बुधवार को टीवी चैनल सेलेक्टर वेबसाइट की शुरुआत की। यह सुविधा उन उपभोक्ताओं के लिए शुरू की गई है जो स्मार्ट फोन के अभाव में मोबाइल एप का उपयोग नहीं कर पा रहे थे।

स्मार्ट फोन के लिए टीवी चैनल सेलेक्टर एप पिछले साल 25 जून को लांच किया गया था। इसके जरिये उपभोक्ता अपना सब्सक्रिप्शन देख सकते हैं और उसमें बदलाव भी कर सकते हैं। इसकी शुरुआत दिसंबर 2018 में अधिसूचित एक नियम के तहत की गई थी। यह देखा जा रहा था कि उपभोक्ता अपने आपरेटरों की वेबसाइट और मोबाइल एप पर अपनी पसंद के टीवी चैनल चुनने में परेशानियों का सामना कर रहा था।

प्राधिकरण ने अधिसूचना में कहा, 'ट्राई ने अब टीवी सेलेक्टर वेबसाइट भी विकसित की है। इससे उन उपभोक्ताओं को सुविधा होगी जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं हैैं या जो वेबसाइट ब्राउजर का इस्तेमाल करना चाहते हैं। एप व वेबसाइट की खासियत है कि डीटीएच या केबल आपरेटर को भेजने से पहले सब्सक्रिप्शन में बदलाव किया जा सकता है। पोर्टल में एप की सभी विशेषताएं हैं और डाउनलोड की सुविधा भी दी गई है।'

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