कोरोना काल में बुजुर्गो की मदद के लिए आगे आया केंद्र, सुरक्षा सहित किसी भी तरीके की समस्या पर मांग सकेंगे मदद

वैसे तो बुजुर्गों के लिए इस हेल्पलाइन सेवा की शुरुआत काफी पहले ही होनी थी क्योंकि पिछले साल से ही तेलंगाना में इसका ट्रायल चल रहा है जो सफल भी रहा है। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इसे लागू करने में देरी हो रही थी।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 09:26 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 09:26 PM (IST)
कोरोना काल में बुजुर्गो की मदद के लिए आगे आया केंद्र, सुरक्षा सहित किसी भी तरीके की समस्या पर मांग सकेंगे मदद
इस महीने के अंत तक सभी राज्यों को हेल्पलाइन सेवा से जोड़ने की तैयारी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देशभर में बुजुर्गों के बड़े पैमाने पर कोरोना संक्रमण की चपेट में आने और इससे हो रही मौतों को देखते हुए केंद्र फिलहाल उनकी त्वरित मदद के लिए आगे आया है। बुजुर्गों के लिए टोल-फ्री नंबर 14567 हेल्पलाइन सेवा को आनन-फानन में सभी राज्यों में शुरू किया जा रहा है। पिछले करीब 20 दिनों में बुजुर्गों की बड़ी आबादी वाले उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान और तमिलनाडु जैसे पांच राज्यों में इस सेवा को शुरू किया गया है। इसके जरिये वे दवाई, भोजन, सुरक्षा सहित किसी भी तरह की समस्या पर मदद मांग सकेंगे।

वैसे तो बुजुर्गों के लिए इस हेल्पलाइन सेवा की शुरुआत काफी पहले ही होनी थी, क्योंकि पिछले साल से ही तेलंगाना में इसका ट्रायल चल रहा है, जो सफल भी रहा है। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इसे लागू करने में देरी हो रही थी। राज्यों से सहमति के बाद इसे तेजी से लागू करने का काम किया जा रहा है। इस सेवा के लिए टाटा ट्रस्ट और एनएसई फाउंडेशन की मदद ली गई है। वहीं राज्यों के सभी विभागों और वहां काम करने वाले स्वयंसेवी संस्थानों को जोड़ा गया है। इस दौरान शिकायतों के मिलने पर उन्हें तुरंत संबंधित विभाग को भेजा जाता है।

जिन राज्यों में लागू है यह सेवा, वहां से अब तक 500 से ज्यादा फोन काल्स आ चुकी 

इस सेवा की खासियत यह है कि इसमें सभी राज्यों के लिए अलग-अलग डेस्क बनाई गई है। साथ ही समस्याओं के निराकरण की समयसीमा भी तय की गई है। मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक जिन पांच राज्यों में इस सेवा को शुरू किया गया है, वहां से अब तक 500 से ज्यादा फोन काल्स आ चुकी हैं। इनमें से 30 से ज्यादा का निराकरण भी किया जा चुका है।

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