केंद्र सरकार ने दलहन आयात की दी अनुमति, न्यूनतम आयात का भाव रखा गया काफी ऊंचा
केंद्र सरकार ने उन देशों से आयात की अनुमति दी है जिनसे किसी द्विपक्षीय अथवा क्षेत्रीय आधार पर कोई संधि की गई है।
इंदौर, जेएनएन। केंद्र सरकार ने अप्रैल से शुरू होने वाले नए वित्त वर्ष के लिए दलहन के मात्रात्मक आयात की अनुमति दे दी है। सरकार ने बटला (पीला, हरा और अन्य किस्म), मूंग और तुअर के आयात की अनुमति दी है।
बटले के तीनों प्रकार की मिलाकर कुल 1.50 लाख टन आयात की अनुमति दी है। चने की बेहतर फसल और सरकारी स्टॉक को देखते हुए बटले के आयात का हतोत्साहित करने के उद्देश्य से इसके न्यूनतम आयात का भाव काफी ऊंचा रखा गया है।
बटले का आयात कोलकाता पोर्ट से होगा पूरा
बटले का पूरा आयात सिर्फ कोलकोता पोर्ट से होगा। मुंग के लिए 1.50 लाख टन आयात की अनुमति दी है जबकि तुअर के 4 लाख टन आयात की अनुमति दी गई है। सरकार द्वारा इनके आयात की अधिसूचना के साथ इनका आयात अप्रेल 2020 से मार्च 2021 के मध्य किया जा सकेगा।
केंद्र सरकार ने उन देशों से आयात की अनुमति दी है जिनसे किसी द्विपक्षीय अथवा क्षेत्रीय आधार पर कोई संधि की गई है। इन देशों से निश्चित मात्रा में दलहन का आयात किया जाएगा। सरकार द्वारा मुख्य रूप से इन दलहन का आयात कोटा दाल मिलों को जारी किया जाएगा।
बेमौसम बरसात से दाल की फसलों को हुआ काफी नुकसान
बता दें कि मार्च में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को दाल की फसल में काफी नुकसान पहुंचा है। जिसका असर आमजन और बाजार दिखने लगा है। दलहनी व तिलहनी फसलों की बर्बादी से दाल महंगी होगी। गेहूं, चना, मसूर, अरहर, मटर, सरसों और अलसी की पैदावार भी घटेगी।
फुटकर दाल की कीमत आसमान पर
यदि फुटकर दालों की फसलों की बात करें तो अरहर दाल अभी थोक में 70 से 80 रुपये किलोग्राम बिक रही है। फसल अच्छी होने से सस्ती होने की आस जगी थी, लेकिन ओलावृष्टि ने सब कुछ बिगाड़ दिया है। दरें थोक में सौ से 150 तक जा सकती हैं।