मनरेगा बकाया भुगतान के लिए केंद्र ने राज्यों को दिए करीब 29 करोड़ रुपए
केंद्र सरकार ने मनरेगा के तहत मजदूरी और सामग्री के लंबित बकाया भुगतान के लिए राज्यों को 28729 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
नई दिल्ली, आइएएनएस। केंद्र सरकार ने मनरेगा के तहत मजदूरी और सामग्री के लंबित बकाया भुगतान के लिए राज्यों को 28,729 करोड़ रुपये जारी किए हैं। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत इस वित्त वर्ष में दो जून तक का बकाया भुगतान किया जा सकेगा। सरकार ने मनरेगा के तहत काम के लिए एक अप्रैल से भुगतान की दर में वृद्धि की है।
यह कदम लॉकडाउन और कोविड-19 महामारी के कारण ठप कारोबार से बेरोजगार हो गए प्रवासी कामगारों की मदद के लिए उठाया गया है। इस वित्त वर्ष में दो जून तक मनरेगा के तहत 48.13 कार्य दिवस सृजित किए गए हैं। इस वित्त वर्ष में सरकार ने मनरेगा मजदूरी में 20 रुपये की वृद्धि की है। इससे कामगारों को सालाना 2000 रुपये का अतिरिक्त लाभ होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 26 मार्च को 1.7 लाख करोड़ के पीएमजीकेपी पैकेज की घोषणा की थी। इस पैकेज के तहत सरकार ने मुफ्त खाद्यान्न और महिलाओं, गरीब वरिष्ठ नागरिकों और किसानों को नकद भुगतान की घोषणा की। त्वरित रूप से लागू करने पर केंद्र और राज्य सरकारें लगातार निगरानी कर रही हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले दो महीनों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) के तहत 14.62 करोड़ काम के व्यक्ति दिनों को पैदा करने में 10,000 करोड़ रुपये खर्च किये गए हैं। आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज के अंतर्गत योजनाओं की घोषणा करते हुए उन्होंने बताया कि 13 मई तक 2.33 करोड़ वेतन चाहने लोगों को काम ऑफर किया गया है। उन्होंने बताया कि यह काम 1.87 लाख ग्राम पंचायतों में मुहैया कराया गया है।
वित्त मंत्री ने बताया कि पिछले साल मई महीने की तुलना में 40 से 50 फीसद अधिक लोगों ने योजना में काम के लिए अपना नामांकन कराया है। साथ वित्त मंत्री ने बताया कि उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में औसत मजदूरी भी बढ़ा दी है। इसे बढ़ाकर 202 रुपये कर दिया गया है, जो पिछले वित्त वर्ष में 182 रुपये थी।