बिजली चोरी रोकने का रोडमैप दिसंबर तक दें डिस्काम, सुधार प्रक्रिया लागू करने के बाद ही केंद्रीय योजना का मिलेगा लाभ
शुक्रवार को बिजली मंत्री ने सभी राज्यों के डिस्काम प्रमुखों और बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। यह बैठक हाल ही में केंद्र सरकार की तरफ से घोषित 3.30 लाख करोड़ रुपये के पैकेज के मामले में भी थी।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। केंद्र सरकार ने राज्यों की बिजली वितरण कंपनियों (डिस्काम) को दो टूक कह दिया है कि अगर उन्हें 3.30 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय स्कीम का फायदा उठाना है तो बिजली वितरण व्यवस्था में बदलाव का एजेंडा 31 दिसंबर, 2021 तक भेजना होगा। इसमें डिस्काम को नुकसान घटाने का फार्मूला और वितरण व्यवस्था सुधारने के लिए तकनीक के इस्तेमाल जैसी जानकारियां देनी होंगी। डिस्काम को यह भी बताना होगा वह इस रोडमैप पर किस तरह से आगे बढ़ेंगे। बिजली मंत्री आरके सिंह ने स्पष्ट कहा है कि डिस्काम को होने वाली हानि में बिजली चोरी की बड़ी हिस्सेदारी है। इस पर काबू पाए बिना उन्हें केंद्रीय मदद नहीं मिलेगी।
शुक्रवार को बिजली मंत्री ने सभी राज्यों के डिस्काम प्रमुखों और बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। यह बैठक हाल ही में केंद्र सरकार की तरफ से घोषित 3.30 लाख करोड़ रुपये के पैकेज के मामले में भी थी। इसमें सिंह ने राज्यों से कहा कि जैसे-जैसे उनकी डिस्काम में सुधार होता जाएगा, उन्हें केंद्र से वित्तीय मदद मिलती जाएगी। अगर वितरण व्यवस्था में सुधार की गति मंद पड़ती है तो वित्तीय मदद भी घटा दी जाएगी। इसका मकसद जल्द से जल्द अंतरराष्ट्रीय स्तर की बिजली वितरण व्यवस्था स्थापित करना है, ताकि हर घर व हर संस्था को निर्बाध तरीके से चीबीसों घंटे बिजली उपलब्ध हो सके।
सिंह ने कहा कि पिछले सात-आठ वर्षों में राज्यों ने बिजली वितरण में होने वाली हानि (टीएंडडी लास) को रोकने में कुछ सफलता हासिल की है, लेकिन अभी काफी कुछ किया जाना शेष है। वर्ष 2012-13 में देश टीएंडडी लास 25.5 फीसद था जो वर्ष 2019-20 में भी 21.8 फीसद था। इस तरह के आंकड़े संतोषजनक नहीं हैं। सरकार वर्ष 2024 तक टीएंडडी लास घटाकर 15 फीसद करने का लक्ष्य ले कर चल रही है।