आइसीएमआर के प्रोटोकॉल के तहत सीडीएससीओ ने कोविड-19 रोगियों पर प्लाज्मा थैरेपी को दी मंजूरी

स्वास्थ्य मंत्रालय के नोटिस में कहा गया है कि कांवलेसेंट प्लाज्मा की थैरेपी उन्हीं कोविड-19 के मरीजों के लिए इस्तेमाल होगी जिनकी हालत में एसटेरॉयड लेने के बावजूद कोई सुधार नहीं है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Thu, 02 Jul 2020 06:01 PM (IST) Updated:Thu, 02 Jul 2020 06:51 PM (IST)
आइसीएमआर के प्रोटोकॉल के तहत सीडीएससीओ ने कोविड-19 रोगियों पर प्लाज्मा थैरेपी को दी मंजूरी
आइसीएमआर के प्रोटोकॉल के तहत सीडीएससीओ ने कोविड-19 रोगियों पर प्लाज्मा थैरेपी को दी मंजूरी

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के प्रोटोकॉल के तहत सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का प्लाज्मा थैरेपी के क्लीनिकल ट्रायल में रुचि दिखाने वाले संस्थानों को हरी झंडी दे दी है। आइसीएमआर ने इस क्लीनिकल ट्रायल में शामिल होने के लिए विभिन्न संस्थाओं को न्योता दिया था।

कोविड-19 रोगियों में कांवलेसेंट प्लाज्मा के क्लीनिकल ट्रायल के बारे में एक नोटिस में सीडीएससीओ ने बताया कि आइसीएमआर ने सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन को उन सभी संस्थानों की सूची दी है, जिन्होंने ट्रायल के संचालन में रुचि दिखाई है।

कोरोना से ठीक हुए व्यक्ति से लिए जाते हैं एंटीबॉडी

भारत सरकार की ओर से स्वास्थ्य मंत्रालय के नोटिस में कहा गया है कि कांवलेसेंट प्लाज्मा की थैरेपी उन्हीं कोविड-19 के मरीजों के लिए इस्तेमाल होगी जिनकी हालत में एसटेरॉयड लेने के बावजूद कोई सुधार नहीं है। साथ ही उस मरीज को ऑक्सीजन देने की लगातार जरूरत बढ़ती ही जा रही है। इस थैरेपी के तहत उस व्यक्ति के खून से एंटीबॉडी लिए जाते हैं जो कोरोना के संक्रमण से ठीक हो चुका है। फिर कोरोना के गंभीर मरीजों का उस एंटीबॉडी से इलाज किया जाता है। एस एंटीबॉडी को मरीज के खून में ट्रांसमिट करके उसकी प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाता है।

सभी प्रशिक्षित डॉक्टरों को कोरोना के जांच की सिफारिश

वहीं, दूसरी ओर केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी है कि वे सभी प्रशिक्षित डाक्टरों को कोरोना जांच की सिफारिश करने की इजाजत दें। जांच आइसीएमआर के दिशा निर्देशों के अनुसार ही होगी लेकिन इससे फायदा यह होगा कि कोरोना के संभावित मरीजों की जांच में विलंब नहीं होगा। इसके साथ ही केंद्र ने राज्‍यों और केंद्र शासित प्रदेशों को टेस्टिंग बढ़ाने के भी निर्देश जारी किए हैं।

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