सीडीएस जनरल रावत ने खोली पाक की पोल, एक तरफ युद्धविराम दूसरी ओर ड्रोन से असलहे और ड्रग्स भेज रहा पड़ोसी
सीडीएस रावत ने कहा कि एलओसी पर अब तक संघर्ष विराम जारी है जो एक सकारात्मक संकेत है। साथ ही हम देख रहे हैं ड्रोन के जरिये गोला-बारूद और हथियार भेजे जा रहे हैं। यह शांति के लिए अच्छा नहीं है।
नई दिल्ली, एएनआइ। चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने मंगलवार को कहा कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पिछले कुछ अरसे से युद्धविराम जारी है, लेकिन पड़ोसी मुल्क की ओर से ड्रोन के जरिये असलहे और ड्रग्स भेजकर देश की आंतरिक शांति प्रक्रिया को बाधित किया जा रहा है।जनरल रावत ने एक साक्षात्कार में बताया कि युद्धविराम का मतलब यह नहीं कि सीमाओं पर तो युद्धविराम रहे लेकिन आप दूसरी ओर हमारे अंदरूनी इलाकों में परेशानी पैदा करते रहें।
जनरल रावत ने कहा कि भारत और पाकिस्तान ने इस साल फरवरी में नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अन्य सभी क्षेत्रों के साथ सभी समझौतों, समझ और संघर्ष विराम का कड़ाई से पालन करने पर सहमति व्यक्त की थी। सीडीएस रावत ने कहा कि एलओसी पर अब तक संघर्ष विराम जारी है, जो एक सकारात्मक संकेत है। साथ ही हम देख रहे हैं ड्रोन के जरिये गोला-बारूद और हथियार भेजे जा रहे हैं। यह शांति के लिए अच्छा नहीं है।
सेना के थियटराइजेशन पर जनरल रावत ने कहा कि प्रक्रिया अच्छी चल रही है, और अब तक की प्रगति संतोषजनक है। तीन सेवाओं में हम अधिकांश मुद्दों को हल करने में सक्षम हैं। यह एक बेहतर समझ है कि यदि तीनों सेवाएं एकीकृत हो जाती हैं, तो वे महत्वपूर्ण परिवर्तन ला सकती हैं। मुझे लगता है ऐसा करके हम अपनी मौजूदा सेवाओं से बेहतर दक्षता और उपयोग सुनिश्चित करेंगे। मुझे लगता है कि हम भविष्य में युद्ध के लिए बेहतर तरीके से तैयार होंगे।
जम्मू-कश्मीर में अब शांति का माहौल देखना चाहते हैं राज्य के लोग
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में जम्मू-कश्मीर के लोगों ने बहुत अधिक आतंकवाद और उग्रवाद देखा है। लोग अब शांति की वापसी की ओर देख रहे हैं, खासकर अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद। अगर यह जारी रहा, तो समय आएगा जब लोग खुद हिंसा से दूर हो जाएंगे और उग्रवाद को पनपने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि घाटी में उग्रवाद और आतंकवाद स्थानीय लोगों के समर्थन के बिना जिंदा नहीं रह सकता। आज घाटी में गुमराह किए गए युवाओं की पहचान करने और उन्हें आतंकवाद से दूर रखने की जरूरत है।