CDS Bipin Rawat helicopter crash: आग का गोला बन गया था हेलीकाप्टर, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कैसा था खतरनाक मंजर
लोगों ने सबसे पहले जब तेज चमकती लेकिन डराने वाली लपटों वाली रोशनी देखे तो उन्हें कुछ समझ में नहीं आया कि यह क्या हो रहा है। तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकाप्टर हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत पत्नी मधुलिका रावत समेत 11 अफसरों के शहीद होने की सूचना है।
कुन्नूर (तमिलनाडु), प्रेट्र। तेज धमाका, अविश्वास और कुछ गलत हो गया की अनुभूति..। तमिलनाडु के नीलगिरी जिले के पश्चिमी घाट वाले इलाके में स्थित गांव में बुधवार की दोपहर जो कुछ हुआ वैसी अनहोनी की किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। इस इलाके में ज्यादातर चाय बागान के श्रमिक रहते हैं। कालोनी सामान्य है, जैसी ज्यादातर जगहों पर होती है-भीड़भाड़ वाला इलाका और दिन भर रहने वाली चहल-पहल। लोगों ने सबसे पहले जब तेज चमकती, लेकिन डराने वाली लपटों वाली रोशनी देखे तो उन्हें कुछ समझ में नहीं आया कि यह क्या हो रहा है। ज्ञात हो कि तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार सुबह हेलीकाप्टर हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, पत्नी मधुलिका रावत समेत 11 अफसरों के शहीद होने की सूचना है, जबकि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का सैन्य अस्पताल, वेलिंगटन में इलाज चल रहा है। हेलीकाप्टर में कुल 14 लोग सवार थे। उनमें से सिर्फ ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ही बचे हैं। बाकी अन्य 13 लोगों की मौत हो गई।
चाय बागान के श्रमिकों और स्थानीय लोगों ने सबसे पहले देखा हादसा
पश्चिमी घाट वाले इलाके में मध्याह्न बीत चुका था, लेकिन पहाड़ी वाले इलाके में कोहरे की चादर बिखरी हुई थी। देश के पहले सीडीएस और कुछ अन्य अफसरों को ले जा रहा हेलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। आसपास मौजूद श्रमिक और उनके परिवार के सदस्यों ने दुर्घटना के अंतिम क्षणों को देखा और महसूस किया, लेकिन उन्हें इस त्रासदी की गंभीरता का शायद ही अहसास हो। कुछ लोग तुरंत मौके पर पहुंचे, हालांकि वे बहुत नजदीक नहीं जा सके, क्योंकि आग की लपटें तेज थीं और लकड़ी से भरे इलाके को नष्ट करने पर आमादा थीं। दुर्घटना वाला स्थल वन वाला इलाका है, जिसके समीप में चाय बागान और पहाड़ी श्रृंखला घाटी भी है। प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि धमाका तेज था और चीजों के टूटने की आवाज आई। आग एक घंटे से ज्यादा समय तक जलती रही, जिसमें हेलीकाप्टर भी राख हो गया। बड़े-बड़े पेड़ भी राख में तब्दील हो गए। एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक लैंडिंग से कुछ ही मिनट पहले उनका हेलीकाप्टर एक पेड़ से टकराया और दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
आग की लपटें, टूटे पेड़ और जलते शरीर देखकर सन्न रह गए स्थानीय
एक वरिष्ठ पुलिस अफसर ने बताया कि वाहन के जरिये इस क्षेत्र तक जाने का एकमात्र रास्ता चाय बागान से होकर जाता है। स्थानीय लोगों ने ही सबसे पहले हादसे को देखा था। इस हादसे पर रक्षा मंत्रालय के अधिकारी ही ज्यादा प्रकाश डाल सकते हैं। जो लोग किसी तरह दुर्घटनास्थल तक पहुंचे भी वे बस अविश्वास में सन्न रह गए। उन्होंने जब कोई चीज जलती हुई देखी तो पहले समझा कि यह पेड़ की कोई शाखा है, लेकिन पास जाने पर उन्हें पता चला कि कोई शरीर जल रहा है। एक व्यक्ति पेड़ की मोटी शाखा के नीचे दबा हुआ था। इसके बाद उन्हें एक अन्य व्यक्ति पास की झाड़ियों में आधी जली हुई अवस्था में नजर आया। तब उन्हें अहसास हुआ कि यहां क्या हुआ है।
स्थानीय पुलिस के अनुसार ऐसा लगता है कि दुर्घटना के प्रभाव में कुछ लोग हेलीकाप्टर से बाहर उछलकर गिरे। नीलगिरी जिले के लोग मानव और वन्य जीवों के संघर्ष की घटनाओं के अभ्यस्त हैं। इस इलाके में वन्य जीव अक्सर आबादी वाले इलाकों में आ जाते हैं और फसल आदि बर्बाद कर देते हैं, लेकिन इस तरह की दुर्घटना क्षेत्र के लोगों ने पहले कभी नहीं देखी थी।