महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के घरों पर सीबीआई के छापे, एनसीपी कार्यकर्ताओं ने की नारेबाजी

महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के मुंबई एवं नागपुर स्थित घरों पर आज सीबीआई ने एक बार फिर छापे मारे। देशमुख के ठिकानों पर सीबीआई की यह तीसरी छापेमारी थी। सीबीआई इससे पहले अनिल देशमुख के पैतृक आवास पर भी उन्हें खोजने के लिए पहुंच चुकी है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 07:41 PM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 07:41 PM (IST)
महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के घरों पर सीबीआई के छापे, एनसीपी कार्यकर्ताओं ने की नारेबाजी
अनिल देशमुख के मुंबई एवं नागपुर स्थित घरों पर आज सीबीआई ने एक बार फिर छापे मारे।

राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के मुंबई एवं नागपुर स्थित घरों पर आज सीबीआई ने एक बार फिर छापे मारे। देशमुख के ठिकानों पर सीबीआई की यह तीसरी छापेमारी थी। सीबीआई इससे पहले अनिल देशमुख के पैतृक आवास पर भी उन्हें खोजने के लिए पहुंच चुकी है, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला। दरअसल, जांच एजेंसी के समन के बावजूद देशमुख लगातार पेश होने से बचते रहे हैं। इसके बाद जांच एजेंसी की ओर से यह कदम उठाया गया है।

केंद्र और सीबीआइ के खिलाफ नारेबाजी

सोमवार सुबह सीबीआई की टीम ने मुंबई स्थित देशमुख के घर के अलावा उनके नागपुर आवास पर भी छापा मारा एवं पूरे घर तथा कार्यालय की तलाशी ली। देशमुख के घर पर छापेमारी खबर सुनते ही काफी संख्या में उनके घर के बाहर राकांपा के कार्यकर्ता इकट्ठा हो गए और केंद्र सरकार तथा सीबीआई के विरुद्ध नारेबाजी करने लगे। लेकिन सीबीआई का तलाशी अभियान काफी देर तक चलता रहा।

समन के बावजूद एक बार भी हाजिर नहीं हुए अनिल देशमुख

बता दें कि सीबीआई मुंबई उच्चन्यायालय के निर्देश पर अनिल देशमुख की जांच कर रही है। यह जांच मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा उनपर पुलिस अधिकारियों की मदद से हर महीने 100 करोड़ रुपए की वसूली का करवाने का आरोप लगने के बाद उच्चन्यायालय ने शुरू करवाई है।

सीबीआई के अलावा प्रवर्तन निदेशालय भी देशमुख की जांच कर रहा है। लेकिन प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कई बार पूछताछ का सम्मन दिए जाने के बावजूद अब तक देशमुख उसके सामने हाजिर नहीं हुए हैं। महाराष्ट्र में वसूली रैकेट के इस मामले ने काफी राजनीतिक रूप से तूल पकड़ा था। खुद एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार भी देशमुख के बचाव में उतरे थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के सीबीआई जांच के आदेश के बाद अनिल देशमुख को त्यागपत्र देना पड़ा था।

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