CBI ने आइ-मॉनेटरी एडवायजरी घोटाले में पूर्व मंत्री रोशन बेग के आवास पर मारा छापा, मुख्य आरोपित से साथ पूछताछ की तैयारी
सीबीआइ (CBI) ने करोड़ों रुपये के आइ-मॉनेटरी एडवायजरी पोंजी घोटाला मामले में सोमवार को कर्नाटक में कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री रोशन बेग के आवास पर छापेमारी की। सीबीआइ ने रविवार को इस मामले में रोशन बेग को गिरफ्तार किया था।
बेंगलुरु, एएनआइ/आइएएनएस। कर्नाटक में कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री रोशन बेग की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सीबीआइ (Central Bureau of Investigation, CBI) ने करोड़ों रुपये के आइ-मॉनेटरी एडवायजरी (IMA scam case) पोंजी घोटाला मामले में सोमवार को रोशन बेग के आवास पर छापेमारी की। सीबीआइ ने कल रविवार को इसी आइएमए पोंजी घोटाला मामले में रोशन बेग (Roshan Baig) को गिरफ्तार किया था।
जांच एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि बेग को रविवार को सुबह सीबीआइ कार्यालय में हाजिर होने के लिए कहा गया था। एजेंसी ने सीबीआइ कार्यालय में ही उनसे पूछताछ की। बाद में ठोस सुबूतों की बुनियाद पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। शिवाजी नगर से पूर्व कांग्रेस विधायक बेग को पार्टी से बगावत को लेकर अयोग्य करार दिया गया था। गिरफ्तारी के बाद एजेंसी ने बेग को अदालत में पेश किया जहां से उनको 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
समाचार एजेंसी आइएएनएस के मुताबिक, करोड़ों रुपये के आइ-मॉनेटरी एडवायजरी (आइएमए) पोंजी घोटाले में गिरफ्तार कर्नाटक के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता रोशन बेग पर सीबीआइ अब और शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। सीबीआइ जल्द ही बेग और इस घोटाले के मुख्य आरोपित मनसूर खान को एक साथ बैठाकर पूछताछ करेगी। जांच एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि घोटाले की तह तक जाने के लिए दोनों को एक साथ बैठाकर पूछताछ करनी जरूरी है।
इसके लिए सीबीआइ की विशेष अदालत से अनुमति मांगी गई है। बताया जाता है कि आइ-मॉनेटरी एडवायजरी यानी आइएमए और इस समूह की कंपनियों ने कथित तौर पर करोड़ों रुपये की पोंजी स्कीम चलाई थी। इसमें निवेश के इस्लामिक तरीकों का इस्तेमाल कर ऊंचे रिटर्न देने का वादा किया गया था। इस स्कीम के जरिए लाखों लोगों से ठगी की गई थी। कर्नाटक सरकार (Karnataka government) ने अगस्त 2019 में कारोड़ों रुपए के इस घोटाले की जांच सीबीआइ के हवाले की थी।
इस घोटाले में कई राजनेता और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी आरोपी हैं। हाल ही में राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एसआइटी गठित की थी। राज्य सरकार की ओर से गठित एसआईटी इस मामले की जांच कर रही थी। एसआइटी पूर्व में कई सरकारी अधिकारियों को गिरफ्तार कर चुकी है। यही नहीं इस मामले में एसआइटी की ओर कई नेताओं से पूछताछ की गई है। इस मामले के मुख्य आरोपी का नाम मोहम्मद मंसूर खान है। उसके खिलाफ कई रिपोर्टें दर्ज हैं।