कैंसर अर्थव्यवस्था पर बोझ, भारत ने मुंह के कैंसर के इलाज पर 2020 में खर्च किए 2,386 करोड़ रुपये
टाटा मेमोरियल सेंटर के निदेशक आरए बडवे के अनुसार भारत में आने वाले कैंसर के मामलों में सबसे ज्यादा मुंह के कैंसर के होते हैं। इससे सबसे ज्यादा पुरुष प्रभावित हो रहे हैं। वर्ष 2020 में दुनिया के करीब एक तिहाई कैंसर के मामले भारत में आए।
नई दिल्ली, आइएएनएस। कैंसर की जांच व इलाज पर खर्च में हुई गुणात्मक वृद्धि का नतीजा है कि भारत को वर्ष 2020 में इस पर 2,386 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े। इलाज पर व्यय की गई इस राशि का वहन निजी और सरकारी क्षेत्र की बीमा योजनाओं की तरफ से किया गया है। निजी स्तर पर हुआ खर्च इसमें शामिल नहीं है। किसी रोग विशेष पर हुआ यह खर्च वर्ष 2019-20 के बजट में स्वास्थ्य के लिए किए गए आवंटन का बड़ा हिस्सा है। बात यहीं तक सीमित नहीं है, बल्कि लागत में वृद्धि नहीं भी हुई तब भी अगले दस वर्षो तक इस राशि का बोझ अर्थव्यवस्था पर बरकरार रह सकता है।
मुंह के कैंसर की बीमारी व इलाज का अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव
टाटा मेमोरियल सेंटर ने मुंह के कैंसर की बीमारी और इलाज पर आने वाले खर्च को लेकर अपने तरह का पहला अध्ययन किया है। रिपोर्ट के अनुसार, मुंह के कैंसर की बीमारी व इलाज की वजह से अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव से बचने का एक मात्रा उपाय है कि इसकी रोकथाम की जाए।
रोग की प्रारंभिक अवस्था में पहचान होने पर हर साल 250 करोड़ की होगी बचत
यह बीमारी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से तंबाकू अथवा सुपारी के सेवन से हो रही है। रोग की प्रारंभिक अवस्था में पहचान होने जाने पर 20 फीसद मामलों को एडवांस स्टेज में जाने से रोका जा सकता है और इसके जरिये हर साल करीब 250 करोड़ रुपये की बचत की जा सकती है।
कैंसर के 70 फीसद मामले मध्यम आयवर्ग वाले देशों से आ रहे हैं: विश्व स्वास्थ्य संगठन
विश्व स्वास्थ्य संगठन का भी मानना है कि कैंसर दुनियाभर में होने वाली मौतों की दूसरी सबसे बड़ी वजह बन चुका है। 70 फीसद मामले मध्यम आयवर्ग वाले देशों से आ रहे हैं।
2020 में दुनिया के करीब एक तिहाई कैंसर के मामले भारत में आए: टाटा मेमोरियल सेंटर
टाटा मेमोरियल सेंटर के निदेशक आरए बडवे के अनुसार, 'भारत में आने वाले कैंसर के मामलों में सबसे ज्यादा मुंह के कैंसर के होते हैं। इससे सबसे ज्यादा पुरुष प्रभावित हो रहे हैं। वर्ष 2020 में दुनिया के करीब एक तिहाई कैंसर के मामले भारत में आए।'