गहरे समुद्र में अभियान शुरू करने के प्रस्ताव को मिली मंजूरी, पांच साल में खर्च होंगे 4,077 करोड़

प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि यह अभियान आत्मनिर्भर भारत की दिशा में हमारे प्रयास में मदद करेगा। आधिकारिक बयान के अनुसार पांच साल की अवधि के लिए मिशन की अनुमानित लागत 4077 करोड़ रुपये होगी और इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 08:02 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 08:02 AM (IST)
गहरे समुद्र में अभियान शुरू करने के प्रस्ताव को मिली मंजूरी, पांच साल में खर्च होंगे 4,077 करोड़
इस अभियान में पांच साल में 4,077 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्र सरकार ने संसाधनों के लिए गहरे समुद्र में खोज और समुद्री संसाधनों के सतत उपयोग के लिए गहरे समुद्र में प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए डीप ओशन मिशन शुरू करने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया। मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमारा यह निर्णय नीली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ भारत को एक नए युग में ले जाएगा। डीप ओशन मिशन लांच करने का प्रस्ताव पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की ओर से आया है।

जावड़ेकर ने कहा कि मिशन के तहत समुद्र में 6,000 मीटर गहराई में खनिजों का अध्ययन किया जाएगा। जलवायु परिवर्तन के कारण देखे गए परिवर्तनों पर भी नजर रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि मिशन के तहत अधिक गहरे समुद्र में जैव विविधता पर एक अध्ययन किया जाएगा। समुद्री जीव विज्ञान के लिए एक उन्नत समुद्री स्टेशन स्थापित किया जाएगा। एक अपतटीय तापीय ऊर्जा केंद्र भी होगा, जो नए उभरते क्षेत्रों की मदद करेगा।

जावड़ेकर ने कहा कि अमेरिका, रूस, फ्रांस, जापान और चीन के बाद भारत इस तरह की तकनीक रखने वाला छठा देश होगा। उन्होंने कहा कि हमारे एमएसएमई ( सुक्ष्म, लघु व मध्यम श्रेणी के उद्योगों) और अनुसंधान के लिए अच्छे अवसर उपलब्ध होंगे। यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में हमारे प्रयास में मदद करेगा। आधिकारिक बयान के अनुसार, पांच साल की अवधि के लिए मिशन की अनुमानित लागत 4,077 करोड़ रुपये होगी और इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।

अंतर्देशीय पोत विधेयक लाएगा केंद्र : मंडाविया

केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को कहा कि अंतर्देशीय जलमार्गो के जरिए सुरक्षित परिवहन और व्यापार सुनिश्चित करने के लिए सरकार अंतर्देशीय पोत विधेयक को संसद में पेश करेगी। इस विधेयक में देश के भीतर अंतर्देशीय जलमार्ग और नौवहन से संबंधित कानून के आवेदन में एकरूपता लाने की भी परिकल्पना की गई है। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मंडाविया ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस निर्णय को मंजूरी दे दी है।

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