बीएसएफ के महानिदेशक बोले- ड्रोन से बम गिराने की हालिया घटना बहुत गंभीर और खतरनाक

बीएसएफ के महानिदेशक राकेश अस्थाना ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू स्थित वायुसेना के ठिकाने पर ड्रोन से बम गिराने की हालिया घटना बहुत गंभीर और बहुत खतरनाक है। इस चुनौती से निपटने के लिए तुरंत प्रौद्योगिकी विकसित करने की जरूरत है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Fri, 02 Jul 2021 08:20 PM (IST) Updated:Fri, 02 Jul 2021 08:30 PM (IST)
बीएसएफ के महानिदेशक बोले- ड्रोन से बम गिराने की हालिया घटना बहुत गंभीर और खतरनाक
बीएसएफ के महानिदेशक राकेश अस्थाना ने कहा कि ड्रोन से बम गिराने की हालिया घटना 'बहुत गंभीर' है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। बीएसएफ के महानिदेशक राकेश अस्थाना ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू स्थित वायुसेना के ठिकाने पर ड्रोन से बम गिराने की हालिया घटना 'बहुत गंभीर' और 'बहुत खतरनाक' है। इस चुनौती से निपटने के लिए तुरंत प्रौद्योगिकी विकसित करने की जरूरत है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के प्रमुख अस्थाना ने कहा कि बल पश्चिम में पाकिस्तान और पूर्व में बांग्लादेश से लगती भारत की करीब 6,300 किलोमीटर लंबी स्थलीय सीमा की निगरानी करता है और सुरक्षा के मोर्चे पर उसके समक्ष चार चुनौतियां हैं।

उन्होंने कहा कि बीएसएफ को पाक से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बारूदी सुरंगों का पता लगाने, सीमावर्ती इलाकों में राष्ट्र विरोधी तत्वों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले इलेक्ट्रानिक उपकरणों की मौजूदगी का पता लगाने, ड्रोन की समस्या और दूरदराज के इलाके में मोबाइल नेटवर्क की समस्या से निपटना या जूझना पड़ता है।

अस्थाना ने कहा कि ये परिस्थितियां बीएसएफ के अभियान के प्रभाव और सीमा पर बढ़त बनाने की गतिविधियों पर सीधे तौर पर असर डालती हैं। उन्होंने कहा कि ड्रोन के खतरे से निपटने के लिए तत्काल ड्रोन रोधी प्रौद्योगिकी विकसित करने की जरूरत है क्योंकि इन ड्रोन का इस्तेमाल मादक पदार्थ तस्करी करने और अहम प्रतिष्ठानों पर हमले में किया जा रहा है।

बीएसएफ महानिदेशक ने यह बात बलों के लिए स्टार्टअप और प्रतिष्ठित संस्थानों द्वारा किफायती और नवोन्मेषी प्रौद्योगिकी उपाय तलाशने को लेकर आयोजित हैक्थान की शुरुआत करने के दौरान की। इसका आयोजन बीएसएफ हाईटेक अंडरटेकिंग फार मैक्सिमाइजिंग इनोवेशन (भूमि) ने इलेक्ट्रानिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ मिलकर किया है।

अस्थाना ने कहा कि हाल में आप सभी ने टीवी चैनलों पर हमले को देखा होगा, इतिहास में पहली बार ड्रोन के जरिये जम्मू में भारतीय वायुसेना के ठिकाने पर हमला किया गया। ड्रोन का इस्तेमाल दुश्मन देश और आपराधिक तत्वों द्वारा न केवल हथियारों, गोलाबारूद और मादक पदार्थो को लाने के लिए किया जाता बल्कि अब उन्होंने इनका इस्तेमाल बम गिराने के लिए किया है जो बहुत गंभीर और खतरनाक है।

गौरतलब है कि 27 जून को दो ड्रोन के जरिये जम्मू स्थित वायुसेना के ठिकाने पर बम गिराए गए थे जिससे दो वायुसैनिक घायल हुए थे और एक इमारत की छत को नुकसान पहुंचा था। बीएसएफ ने भी पिछले साल जून में हथियार लेकर आ रहे हेक्साकाप्टर ड्रोन को जम्मू में मार गिराया था।

महानिदेशक ने कहा कि ड्रोन ने न केवल पश्चिमी सीमा पर चुनौती पैदा की है बल्कि इनका इस्तेमाल नक्सलियों द्वारा वाम उग्रवाद प्रभावित इलाकों में भी इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा अभियान के लिहाज से इन क्षेत्रों पर भी ध्यान देने की जरूरत है। अस्थाना ने कहा कि ड्रोन रोधी प्रौद्योगिकी बल के लिए कार्य करने का अहम क्षेत्र है। उन्होंने स्वीकार किया कि अबतक सुरंगों का पता लगाने का तरीका खोजा नहीं जा सका है।

उन्होंने कहा कि यह मुश्किल समय है और इन सुरंगों का पता लगाने के लिए नवोन्मेषी तकनीकी समाधान के साथ परिणाम परक प्रयास करने की जरूरत है। अबतक हमारे तमाम प्रयास के बावजूद सतह से सुरंगों का पता लगाने की तकनीक नहीं खोजी जा सकी है। इसलिए यह हमारे लिए चुनौती का क्षेत्र है जिसपर हमें काम करने की जरूरत है। आंकड़ों के मुताबिक बीएसएफ ने गत दो दशक में पाकिस्तान से लगते सीमावर्ती इलाके में ऐसे 17 ढांचों का पता लगाया है।

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