Book Review : सामान्य बालक से विशिष्ट व्यक्ति बनने की प्रेरक कहानियां
दीनदयाल उपाध्याय में सादगी ईमानदारी निष्ठा समर्पण साहस कर्तव्यपरायणता और नेतृत्व जैसे जरूरी मानवीय गुण किस तरह विकसित हुए और इन गुणों ने एक सामान्य व्यक्ति को बेहद विशेष बनाते हुए भी उसे किस तरह बेहद सरल बनाए रखा यह पुस्तक उसका संतुलित और समग्र खाका खींचती है।
संजीव झा। भारत में एकात्म मानववाद और हिंदुत्व के सर्वश्रेष्ठ विचारकों में एक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के व्यक्तित्व और कृतित्व के बारे में दर्जनों पुस्तकें लिखी गई हैं, हजारों लेख लिखे गए हैं और लाखों लघु-स्मृृृृृृृृृृृृृतियां कही-सुनी गई हैं। इनमें से ज्यादातर का केंद्रबिंदु उनके राजनीतिक जीवन और चिंतन का कोई खास पहलू है। रेणु सैनी द्वारा लिखित 'दीनदयाल उपाध्याय : 100 इंस्पिरेशनल स्टोरीज किसी बिंदु विशेष से परे समग्रता में एक सामान्य बालक दीना के दीनदयाल बनने की कहानी बेहद सरलता और सहजता से पेश करती है। कहते हैं कि किसी चीज के बारे में किसी व्यक्ति का नजरिया क्या है, यह इस पर निर्भर करता है कि उसके बारे में जानने का उसका जरिया क्या रहा है।
इन 100 प्रेरक कहानियों के माध्यम से सैनी ने दीनदयाल उपाध्याय के बचपन और बाद के जीवन की उन घटनाओं से पाठकों को रू-ब-रू कराने की कोशिश की है, जो उनकी जिंदगी में बदलाव का वाहक बनीं। इन कहानियों के माध्यम से कोई भी आसानी से यह समझ सकता है कि कम उम्र में माता-पिता और वयस्क होने तक बहुत कुछ खो चुका व्यक्ति किस तरह बिना विचलित हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ता रह सकता है, अपने व्यक्तित्व की चमक खोए बिना कैसे इतिहास पुरुष का दर्जा हासिल कर सकता है। दीनदयाल उपाध्याय में सादगी, ईमानदारी, निष्ठा, समर्पण, साहस, कर्तव्यपरायणता और नेतृत्व जैसे जरूरी मानवीय गुण किस तरह विकसित हुए और इन गुणों ने एक सामान्य व्यक्ति को बेहद विशेष बनाते हुए भी उसे किस तरह बेहद सरल बनाए रखा, यह पुस्तक उसका संतुलित और समग्र खाका खींचती है।
अंग्रेजी में लिखी गई इस पुस्तक की सबसे बड़ी विशिष्टता इसकी लेखन-शैली, बेहद छोटी-छोटी कहानियां और सरल शब्दों का चयन है। शायद इसे अंग्रेजी की शुरुआती शिक्षा ले रहे छात्रों को ध्यान में रखते हुए लिखा गया है, जो इसे विशाल पाठक वर्ग के नजदीक लाता है।
पुस्तक : दीन दयाल उपाध्याय : 100 इंस्पिरेशनल स्टोरीज
प्रकाशक : प्रभात प्रकाशन
लेखिका : रेणु सैनी
मूल्य : 400 रुपये