Book Review: समयाभाव के कारण पाठ न कर पा रहे लोगों के लिए अद्भुत विकल्प 'मानस में लौकिक ज्ञान'
श्रीरामचरितमानस में निहित लौकिक ज्ञान किसी भी व्यक्ति के जीवन को संवार सकता है। इसमें हर वह तत्व समाया है जो जीवन जीने के लिए आवश्यक है। वैसे तो इसमें लिखा हर शब्द और इसकी हर चौपाई ही समान महत्व वाली है।
अमित तिवारी। श्रीरामचरितमानस में निहित लौकिक ज्ञान किसी भी व्यक्ति के जीवन को संवार सकता है। इसमें हर वह तत्व समाया है, जो जीवन जीने के लिए आवश्यक है। वैसे तो इसमें लिखा हर शब्द और इसकी हर चौपाई ही समान महत्व वाली है, लेकिन सार रूप में कुछ दोहों और चौपाइयों में लौकिक जीवन को दिशा देने की असीम क्षमता समाई है।
जीवन को सहज और सरल तरीके से जीने की कला सीखने की इच्छा रखने वाले हर व्यक्ति को इसका अध्ययन करना ही चाहिए। यही कारण है कि घर के बुजुर्ग हमेशा ही श्रीरामचरितमानस का पाठ करने के लिए प्रोत्साहित करते रहे हैं। इसे पढ़ पाना सुगम बनाने के लिए ही इसमें मासपारायण जैसी व्यवस्था भी है, जिससे व्यक्ति सहज तरीके से पूरी कथा पढ़ सकता है। इन सबके बावजूद बहुधा ऐसे लोग मिल जाते हैं, जो रामकथा का पाठ करना तो चाहते हैं, लेकिन वर्तमान जीवनशैली की भागमभाग में समयाभाव के कारण नहीं कर पाते हैं। हृदयरोग विशेषज्ञ डा. श्रीकृष्ण गुप्ता और उनकी पत्नी डा. किरण गुप्ता ने इन्हीं दुविधाओं को ध्यान में रखकर 'मानस में लौकिक ज्ञान' के नाम से अद्भुत संकलन किया है।
यह पुस्तक संपूर्ण रामकथा को संक्षिप्त रूप में सामने रखती है। डा. श्रीकृष्ण गुप्ता ने तुलसीदासजी द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस की ऐसी चौपाइयों और दोहों का संकलन किया है, जिनमें लौकिक ज्ञान समाया है। इनका अध्ययन करना ही जीवन में कई समस्याओं के समाधान की राह खोल देता है।
पुस्तक की सबसे बड़ी खूबी है कथा का प्रवाह। डा. किरण गुप्ता ने बीच की कडिय़ों को कथा के रूप में सुंदर तरीके से पिरोया है। इसे पढ़ते समय यह भान नहीं होता है कि हम श्रीरामचरितमानस को संक्षिप्त रूप में पढ़ रहे हैं। यह समयाभाव के कारण पाठ न कर पा रहे लोगों के लिए अद्भुत विकल्प है। भौतिकता की अंधी दौड़ में लोगों के लिए यह कुछ पल रुक कर मन को शांत करने का माध्यम है।