बॉम्बे हाई कोर्ट ने 21 अगस्त को होने वाली 11वीं की कॉमन एंट्रेंस परीक्षा को रद्द किया

बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को 21 अगस्त को होने वाली 11वीं की कॉमन एंट्रेंस परीक्षा को रद्द कर दिया है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए कोर्ट कहा कि परिक्षा अगर अभी की जाती है तो छात्रों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता हैं।

By Avinash RaiEdited By: Publish:Tue, 10 Aug 2021 10:19 PM (IST) Updated:Tue, 10 Aug 2021 10:19 PM (IST)
बॉम्बे हाई कोर्ट ने 21 अगस्त को होने वाली 11वीं की कॉमन एंट्रेंस परीक्षा को रद्द किया
बॉम्बे हाई कोर्ट ने 21 अगस्त को होने वाली 11वीं की कॉमन एंट्रेंस परीक्षा को रद्द किया

मुंबई, एएनआइ। बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को 21 अगस्त को होने वाली 11वीं की कॉमन एंट्रेंस परीक्षा को रद्द कर दिया है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए कोर्ट कहा कि परीक्षा अगर अभी की जाती है तो छात्रों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता हैं। परीक्षा कराने से कोरोना का स्थिति और भी ज्यादा गंभीर देखने को मिल सकती हैं।

महाराष्ट्र सरकार कॉमन एंट्रेंस परीक्षा को आयोजित करना चाहती थी, मगर हाई कोर्ट ने सरकार के फैसले को रद्द कर दिया। राज्य सरकार द्वारा 28 मई को जारी अधिसूचना को रद्द करते हुए न्यायमूर्ति आर आई छागला और न्यायमूर्ति आर डी धानुका की खंडपीठ ने कहा कि ऐसी अधिसूचना को जारी करने का अधिकार महाराष्ट्र सरकार के पास नहीं है और मगर ये अदालत इस तरह के अन्याय में हस्तक्षेप कर सकती है। कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया है कि सरकार 6 हफ्ते के अंदर 10वीं के मार्क्स व इंटरनल असेसमेंट के आधार पर 11वीं कक्षा में दाखिले की प्रक्रिया पूरा करे। महाराष्ट्र सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले कुंभकोनी ने कहा कि सभी परिक्षाएं कोविड​-19 प्रोटोकॉल के तहत ही आयोजित किया जाएगा।

आइसीएसइ की स्टूडेंट ने प्रश्नपत्र पर सवाल उठाते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि परीक्षा का प्रश्नपत्र महाराष्ट्र बोर्ड के पाठ्यक्रम पर होगा जिससे दूसरे बोर्ड के बच्चों को परेशानी होगी। महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एंड हायर सेकेंडरी एजुकेशन के अध्यक्ष दिनकर पाटिल ने कहा था कि प्रथम वर्ष जूनियर कॉलेज कॉमन एंट्रेंस टेस्ट का आयोजन 21 अगस्त 2021 को किया जाएगा। एडवोकेट जनरल आशुतोष कुंभकोनी ने पहले यह तर्क दिया था कि प्रवेश सभी छात्रों को दिया जाएगा, मगर उन छात्रों को सीइटी देना होगा जो छात्र अपनी पसंद के कॉलेज चाहते हैं।

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