यूपी समेत देश के पांच राज्यों में कोविड अस्पताल बनाएगी बोइंग, राज्य सरकारों के साथ बात की

अमेरिका की जानी-मानी विमान बनाने वाली मल्टीनेशनल कंपनी बोइंग की ओर से भारत के उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में कोविड अस्पताल बनाने की तैयारी की जा रही है। इसको लेकर बोइंग इन सभी राज्य सरकारों से बातचीत कर रही है।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 09:25 AM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 09:25 AM (IST)
यूपी समेत देश के पांच राज्यों में कोविड अस्पताल बनाएगी बोइंग, राज्य सरकारों के साथ बात की
विमान बनाने वाली कंपनी बोइंग भारत में बनाएगी कोविड अस्पताल। (फोटो: दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, आइएएनएस। अमेरिका की विमान बनाने वाली कंपनी बोइंग भारत में राज्य सरकारों और गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर कोविड मरीजों के लिए फील्ड हॉस्पिटल बनाएगी। इस सिलसिले में बोइंग कंपनी के अधिकारियों ने पांच राज्यों की सरकारों के साथ बात की है। ये राज्य हैं- उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना और तमिलनाडु। बोइंग की ओर से यह कार्य कोविड से जूझ रहे भारत को राहत पहुंचाने के उसके अभियान के तहत किया जाएगा। इस अभियान के तहत अस्पताल के लिए जमीन, सुविधाओं, उपकरणों, दवाओं और चिकित्सकों की उपलब्धता के लिए मिलकर कार्य होगा।

इसमें राज्य सरकार अस्पताल के लिए आधारभूत ढांचा उपलब्ध कराएगी जबकि डॉक्टर, सहायक कर्मी, उपकरण और दवाएं इत्यादि बोइंग कंपनी उपलब्ध कराएगी। बोइंग इंडिया के प्रेसिडेंट सलिल गुप्ता के अनुसार इस कार्य के लिए बोइंग ने फिलहाल एक करोड़ डॉलर (करीब 74 करोड़ रुपये) की रकम निर्गत कर दी है। इस कार्य में स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय राहत संगठनों की मदद भी ली जाएगी।

संसदीय समितियों की वर्चुअल बैठक न हो पाना निराशाजनक : चिदंबरम

लोकसभा और राज्यसभा के पीठासीन अधिकारियों द्वारा संसद की स्थायी समितियों की वर्चुअल बैठकों की मांगों को खारिज करने के बाद, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी.चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि वे इसफैसले से निराश हैं। क्योंकि महामारी पर चर्चा करना देश की सुरक्षा से जुड़ा विषय नहीं है। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान स्थायी समितियों की बैठकों की अनुमति देने में मदद करने के लिए संसद के दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों पर जनता द्वारा दबाव डाला जाना चाहिए।

पत्रकारों से बातचीत में कांग्रेस नेता ने कहा कि पीठासीन अधिकारियों का निष्कर्ष बहुत ही निराशाजनक है। दुनिया भर में के देशों में संसदों की बैठकें हो रही हैं। महामारी की गंभीरता को देखते हुए हमारी संसद की भी बैठक होनी चाहिए। लेकिन, अगर संसद की बैठक नहीं हो सकती है तो कम से कम संसदीय समितियों की वर्चुअल बैठक तो कराई जानी चाहिए।

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