जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तानी हमले की बरसी पर दुनिया के कई शहरों में मनाया गया ब्लैक डे

दुनिया के कई शहरों में ब्लैक डे मनाया गया। पाकिस्तानी सेना की बर्बर कार्रवाई के विरोध में कई शहरों में लोगों ने प्रदर्शन किया और पदयात्रा निकाली। गुलाम कश्मीर में भी लोगों ने इस दिन की याद में काले झंडे लहराए।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 09:35 AM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 09:35 AM (IST)
जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तानी हमले की बरसी पर दुनिया के कई शहरों में मनाया गया ब्लैक डे
जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तानी हमले की बरसी पर 'ब्लैक डे'।

नई दिल्ली, एजेंसी। जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तानी आक्रमण की 73वीं बरसी पर गुरुवार को काठमांडू, टोक्यो, ढाका, हेग और क्वालालंपुर समेत दुनिया के कई शहरों में ब्लैक डे मनाया गया। पाकिस्तानी सेना की बर्बर कार्रवाई के विरोध में कई शहरों में लोगों ने प्रदर्शन किया और पदयात्रा निकाली। गुलाम कश्मीर में भी लोगों ने इस दिन की याद में काले झंडे लहराए।

इन शहरों के कई इलाकों में लोगों ने होर्डिग और पोस्टर लगाए, जिनमें पाकिस्तान से कश्मीर पर अवैध कब्जा खत्म करने और जान-माल के नुकसान के लिए मुआवजा देने की मांग की गई थी। उल्लेखनीय है कि 22 अक्टूबर, 1947 को पाकिस्तान ने कश्मीर पर आक्रमण कर दिया था और ब़़डे पैमाने पर बर्बरता की थी। हमलावरों ने बारामूला शहर को घेर लिया और हजारों पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को मार डाला।

यूरोपियन फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज ने हाल ही में 22 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के इतिहास का सबसे काला बता दें कि 73 वर्ष में पहली बार पाकिस्तानी सेना और कबाइलियों की कश्मीरियों के साथ की गई बर्बरता को आम कश्मीरी की जुबान से पूरी दुनिया सुनेगी। ऑपरेशन गुलमर्ग की हकीकत और कश्मीर के भारत में विलय की कहानी पर 22 अक्टूबर 1947 की यादें विषय पर दो दिवसीय संगोष्ठी और एक प्रदर्शनी भी शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआइसीसी) श्रीनगर में होगी। जम्मू-कश्मीर यूनिटी फोरम (जेकेयूएफ) और गुलाम कश्मीर के विस्थापित (एसओएस इंटरनेशनल) जम्मू में अलग-अलग सेमिनार व रैलियां कर उस दिन के स्याह सच से दुनिया को रूबरू कराएंगे। श्रीनगर में आयोजित कार्यक्रम में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा मुख्य अतिथि होंगे।

पहली बार पाकिस्तान के ऑपरेशन गुलमर्ग के स्याह सच को याद दिलाते हुए नेशनल म्यूजियम इंस्टीट्यूट आफ हिस्ट्री आफ आर्ट, कंजर्वेशन एंड म्यूजियोलाजी (एनएमआइ) द्वारा राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी और प्रदर्शनी लगेगी। यूरोपियन फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज ने हाल ही में 22 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के इतिहास का सबसे काला बता दें कि 73 वर्ष में पहली बार पाकिस्तानी सेना और कबाइलियों की कश्मीरियों के साथ की गई बर्बरता को आम कश्मीरी की जुबान से पूरी दुनिया सुनेगी। 

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